For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

औपचारिकता – ( लघुकथा )

 औपचारिकता –  ( लघुकथा )  

 शहर के मशहूर,युवा व्यवसायी और समाजसेवी राहुल जी का सडक हादसे में निधन हो गया!पार्थिव शरीर घर आ गया था!सारा शहर उमड पडा था!कोठी में पैर रखने को जगह नहीं थी!मातम का माहौल  था!औरतों के रोने  के अलावा अन्य कोई आवाज़ नहीं आरही थी! करीबी  लोग दाह संस्कार की व्यवस्था में लगे थे!

राहुल जी के बहनोई विनोद जी भी मौजूद थे!मगर वे जब से आये थे , तभी से अपने मोबाइल को कान से लगाये हुए थे!अन्य सभी उपस्थिति लोगों ने माहौल की नज़ाकत को देखते हुए अपने मोबाइल बंद कर दिये थे! विनोद जी का मोबाइल लगातार बज़ रहाथा!सभी को अटपटा लग रहा था!राहुल जी के पिता जी को भी यह सब बडा नागवार लग रहा था!पर रिश्ते के लिहाज़ में चुप थे!

जब अर्थी उठाने के वक्त भी विनोद जी का मोबाइल बजा तो राहुल जी के पिताजी से चुप ना रहा गया ," विनोद  बाबू, आप इस घर के दामाद हैं, आपने आने के लिये समय निकाला,बहुत मेहरबानी, अब आप प्रस्थान कीजिये , आपकी उपस्थिति की औपचारिकता पूरी हो गयी"!

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 446

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on October 8, 2015 at 9:35am

हार्दिक आभार आदरणीय सतविंदर जी!लघुकथा को अपना अमूल्य समय दिया!मेरा उत्साह वर्धन किया!पुनः आभार!

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on October 7, 2015 at 8:37pm
ऐसी औपचारिकताएं ही नज़र आती है आजकल समाज में।बधाई आदरणीय तेजवीर जी
Comment by TEJ VEER SINGH on October 7, 2015 at 7:22pm

हार्दिक आभार आदरणीया ओमप्रकाश क्षत्रिय जी !लघुकथा को समय देकर,  पसंद कर, मेरी हौसला अफ़ज़ाई करने के लिये पुनः आभार! 

Comment by TEJ VEER SINGH on October 7, 2015 at 7:18pm

हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा पांडे जी!लघुकथा की विषय वस्तु की सराहना करके आपने मेरे विचारों को सार्थक बना दिया!पुनः आभार!

Comment by Omprakash Kshatriya on October 7, 2015 at 7:11pm

आदरणीय  तेज वीर जी आप की लघुकथा ने एक मार्मिक स्थल को छुआ है. इस संवेदनशील लघुकथा के लिए मेरी बधाई स्वीकार करे.

Comment by pratibha pande on October 7, 2015 at 5:54pm

इस प्रकार की संवेदनहीनता आज अक्सर देखी जाती है ,इसको अपनी कथा का विषय बनाकर आपने एक  सार्थक  सन्देश दिया है ,बधाई आपको इस रचना पर आदरणीय तेज वीर जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service