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दुख देने को आये जो हालात, सुनो |
अपना दिल भी पहले से तैनात सुनो |
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दे देना फिर तुम भी उत्तर, सुन लूँगा |
लेकिन बेटा पहले पूरी बात सुनो |
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बाबुल के आँगन से आँसू कहते है |
किस कारण से लौटी है बारात सुनो |
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एक सदी भी यारां कम पड़ जायेगी |
चाहे तो तुम मेरे दुख दिन रात सुनो |
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फिर तो वो भी सारी बातें सुन लेंगे |
उनसे अपनी पहले तो औकात सुनो |
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आज उजाले सूरज ने ही बेचे है |
करते हैं सरगोशी ये जुल्मात, सुनो |
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नाहक ही न पत्थर है हर मुट्ठी में |
शीशें वाले घर में थे वजूहात सुनो |
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सोचो तो ये कितना मुश्किल लगता है |
खुद के सीने पर सिर रख जज्बात सुनो |
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Comment
एक सदी भी यारां कम पड़ जायेगी |
चाहे तो तुम मेरे दुख दिन रात सुनो |
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आज उजाले सूरज ने ही बेचे है |
करते हैं सरगोशी ये जुल्मात, सुनो वाह खूब ग़ज़ल हुई है बधाई वाह |
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