For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गॉड फ़ादर (लघुकथा )

खूबसूरत राखी एक बेहतरीन नृत्यांगना और अभिनेत्री थी!फ़िल्म उद्योग में तीन साल से हाथ पैर मार रही थी!काम तो मिल रहा था मगर उसकी प्रतिभा के मुताविक नहीं मिलता था!कुछ ग्रुप उसे छोटे मोटे रोल देकर अपने ग्रुप से जोडे हुए थे ,जिससे वह कहीं और ना जाये!

आज एक डांस सीन की शूटिंग थी!राखी अपने  मेक अप मैन घोषाल बाबू से मेक अप करा रही थी!घोषाल बाबू उसे बेटी की तरह मानते थे!वे उसकी प्रतिभा के कायलथे!

"राखी, मैं तुमसे कुछ कहना चाह रहा था"!

"बोलिये ना दादा, कोई परेशानी"!

"नहीं रे, मुझे तेरी चिंता है, तुझे तेरे हुनर के माफ़िक काम नहीं मिलता"!

"दादा, सबका अपना अपना नसीब है"!

"तू मेरी एक बात मान ले "!

"बोलिये दादा"!

"तू शंकर भाई को अपना गॉड फ़ादर बना ले"!

"वो निर्माता निर्देशक शंकर भाई,पर मैं तो उसे जानती ही नहीं"!

"पर वो तुझे जानता है, वो तुझे काम देना चाहता है, तुझे स्टार बना देगा "!

"मुझे करना क्या होगा"!

“तुझे शंकर भाई को गॉड फ़ादर मानना होगा!तेरा हर फ़ैसला वही लेगा! तुझे वही करना होगा, जो वह कहेगा!

उसकी बात तेरे लिये पत्थर की लकीर होगी”!

"ना बाबा, मेरा सगा बाप मेरा नसीब नहीं बदल सका तो ये नक़ली बाप क्या बदलेगा,मुझे अपनी मेहनत और ऊपर वाले  पर भरोसा है"!

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 593

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on December 16, 2015 at 3:06pm

इस अच्छी रचना के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय तेज वीर सिंह जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on December 8, 2015 at 3:13pm

हार्दिक आभार आदरणीय चंद्रेश जी!

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on December 6, 2015 at 9:07pm

गॉडफादर का शब्द वास्तव में फिल्म इंडस्ट्री में बहुत प्रचलित है, लोग नाम कमाने के लिये गॉडफादर बन जाते हैं| हार्दिक बधाई स्वीकार करें सर, इस रचना के सृजन हेतु|

Comment by TEJ VEER SINGH on December 6, 2015 at 8:48pm

हार्दिक आभार आदरणीय सुभ्रांशु पांडे जी!यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता हुई कि लघुकथा आपको पसन्द आई!पुनः हार्दिक आभार!

Comment by TEJ VEER SINGH on December 6, 2015 at 8:45pm

हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी!यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता हुई कि लघुकथा आपको पसन्द आई!पुनः हार्दिक आभार!

Comment by Shubhranshu Pandey on December 6, 2015 at 4:31pm

आदरणीय तेज वीर जी, 

सुन्दर भाव के साथ कथा कही गयी है. कथा को एक बार और वर्क टेबल पर लाया जा सकता है. 

सादर.

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 6, 2015 at 8:27am

बहुत सार्थक सन्देश देती हुई रचना हुई है ...आ० भाई तेजवीर जी हार्दिक बधाई l

Comment by TEJ VEER SINGH on December 4, 2015 at 10:22pm

हार्दिक आभार आदरणीय नीता कसार जी, ज्योत्सना कपिल जी,राहिला जी! !मैंने यह लघुकथा गोष्ठी के लिये संकल्प शीर्षक हेतु लिखी थी!मगर उसमें दूसरी दे दी!कथा को सराहने हेतु पुनः आभार!

Comment by TEJ VEER SINGH on December 4, 2015 at 10:21pm

हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी जी!मैंने यह लघुकथा गोष्ठी के लिये संकल्प शीर्षक हेतु लिखी थी!मगर उसमें दूसरी दे दी!कथा को सराहने हेतु पुनः आभार!

Comment by TEJ VEER SINGH on December 4, 2015 at 10:20pm

हार्दिक आभार आदरणीय कांता जी!मैंने यह लघुकथा गोष्ठी के लिये संकल्प शीर्षक हेतु लिखी थी!मगर उसमें दूसरी दे दी!कथा को सराहने हेतु पुनः आभार!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted discussions
4 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
17 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
yesterday
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Saturday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service