आदम फितरत है
भई
राम ने आसन्न -प्रसूता
को छोड़ दिया वन में
जीने, भटकने या मरने
भला हो वाल्मीकि का --- I
और कुछ ऐसा ही किया
कृष्ण ने राधा के साथ
छोड़ दिया निराश्रित
जीने, भटकने या मरने I
सीता का अंत तो जानते है सभी
इसी माटी में दफ़न हुयी थी कभी
पर राधा ------?
कब तक तकती रही राह ?
भेजती रही पाती और सन्देश
फिर कहाँ गयी वह ?
कैसे हुआ उसका अंत ?
किसी ने भी याद नही रखा
लानत है ब्रज और भारत !
क्यों मानते हो तुम राधा को माँ
क्यों खडा करते हो उसका विग्रह
कृष्ण के पार्श्व में
जब आज तक न जान पाए तुम
वह रहस जो उसने रचाया
और न वह रहस
कि वह कैसे जन्मी और कब गयी ?
(मौलिक व अप्रकाशित )
Comment
अच्छी प्रस्तुति आदरणीय ,बधाई |
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