For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दर्द का रिश्ता - (लघुकथा) –

"निर्मला, कुछ सुना तूने,दौनों देशों में समझौता हुआ है! छब्बीस जनवरी को सारे कैदियों की अदला बदली होगी!तेरा भाई छुट्टन भी वापस आ जायेगा"!

"ताई सुना तो है,पर जब तक छोटू को सामने नहीं देख लेती, मुझे किसी पर भरोसा नहीं "!

"निम्मो,मुझे सब पता है! तुझे  क्या क्या पापड बेलने पडे ! छुट्टू तो बेचारा सात साल की उम्र में इनके चुंगुल में फ़ंस गयाथा ! दोस्तों के उकसावे में अपनी गैंद लाने सरहद पार चला गया था "!

"ताई, छुट्टू के साथ साथ फ़ंसा तो हमारा पूरा परिवार ही था, इन ज़ालिमों की गिरफ़्त में!पूरे सत्ताईस साल हो गये!मॉ को तो उसी दिन लकवा मार गया था , दो साल बाद मर गयी ! बापू भी छुट्टु की रिहाई के लिए भाग दौड करते करते चल बसा!आधी ज़मीन भी बिक गयी!मॉ बापू के मरने के बाद बची मैं, छोटू की इकलौती बदनसीब बहिन, क्या क्या नहीं करना पडा"!

"निम्मो, तुझे एक बात और भी कहनी थी"!

"ताई, बोलो ना, पूरे गॉव में एक तेरा ही  तो सहारा है"!

"देख छुट्टू को वह सब बताने की भूल मत करबैठना,  जो कुछ तूने उसके लिये किया"!

"ताई, कौन बदनसीब बहिन, अपने भाई से अपनी अंधियारी रातों की काली करतूतें  सांझा करती है,भले ही वह सब उसी के लिये किया हो! और दूसरी बात मेरे ना बताने से क्या उसे पता ना चलेगा! यह सब गॉव वाले ,नेता ,अफ़सर खुद ही  बघारेंगे अपनी शेखी, बात तो खुल के ही रहेगी"!

"तो फ़िर तेरी सारी क़ुर्बानी मिट्टी में मिल जायेगी!छुट्टू तेरे साथ ना रहेगा"!

"ताई, मैंने बडी बहिन होने का फ़र्ज़ निभा दिया! छोटे भाई के इंतज़ार  में अपना घर भी नहीं बसाया !अब छुट्टू जाने और उसका धर्म"!

.

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 948

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Madanlal Shrimali on January 17, 2016 at 6:56am
त्याग और बलिदान की भावना से ओतप्रोत सुंदर लघुकथा।
Comment by TEJ VEER SINGH on January 7, 2016 at 5:52pm

हार्दिक आभार आदरणीय गिरिराज भंडारी जी!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 7, 2016 at 12:09pm

आदरनीय तेज़ वीर भाई , ईमानदार रिश्ते के ताने बाने में बुनी आपकी लघु कथा बहुत सुन्दर लगी । आपको हार्दिक बधाइयाँ ।

Comment by TEJ VEER SINGH on January 6, 2016 at 1:57pm

हार्दिक आभार आदरणीय राजेश कुमारी जी!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 6, 2016 at 10:24am

रिश्तों के धागे में बंधी मानवीय संवेदनाओं का बहुत बढ़िया चित्र खींचा है लघु कथा के माध्यम  से हार्दिक बधाई आ० तेजवीर सिंह जी .

Comment by TEJ VEER SINGH on January 5, 2016 at 6:50pm

हार्दिक आभार आदरणीय सतविंदर जी  जी!लघुकथा पर आप की उपस्थिति अच्छी लगी!पुनः आभार!

Comment by TEJ VEER SINGH on January 5, 2016 at 6:49pm

हार्दिक आभार आदरणीय मदन लाल  जी!लघुकथा पर आप की उपस्थिति मन को प्रसन्नता दे गयी!पुनः आभार!

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on January 5, 2016 at 1:30pm
संवेदनाओं का सुंदर चित्रण।बधाई आदरणीय तेजवीर जी।
Comment by Madanlal Shrimali on January 5, 2016 at 8:24am
दुःख सहन करने वाला ऐसे ही दुःख देने वालो से परेशान रहता है उसपर दकियानूसी सोच वाले रिश्तेदार, पड़ोसी और अन्य परिचित जले पर नमक छिड़कने का काम करते है।मानवीय संवेदनाओ का सुंदर शब्दांकन।बधाई हो आदरणीय तेजवीरजी।
Comment by TEJ VEER SINGH on January 4, 2016 at 6:13pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर कबीर साहब जी!मेरी किसी भी  लघुकथा पर शायद यह आपकी प्रथम उपस्थिति है!मेरी लघुकथा धन्य हो गयी!आप जैसे गुणी जनों का प्रशस्तिपत्र मेरी लघुकथा को सम्मान है!आपका पुनः हार्दिक आभार!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Jul 12
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Jul 10
Admin posted discussions
Jul 8
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service