For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नेताजी – ( लघुकथा )

 नेताजी – ( लघुकथा ) 

 "दादीजी, आज सारे गॉव की गलियों में सफ़ाई और पानी का छिड्काव हो रहा है!पंचायत घर में भी लाउड्स्पीकर बज रहा है!लोग वहां फ़ूलों की मालायें लिये खडे हैं!कोई नेताजी आ रहे हैं क्या"!

"हां मेरी बच्ची, भविष्य के नेताजी आ रहे हैं"!

“भविष्य के नेताजी, दादीजी, मैं कुछ समझी नहीं"!

"प्रधान जी का बेटा आरहा है शहर से,इस बार वही प्रधानी का चुनाव लडेगा, इसलिये इतना प्रचार किया जा रहा है"!

"यह तो अच्छी बात है,नया खून आगे आयेगा तो विकास तेज़ होगा"!

"हॉ बिटिया, तुम तो शहर में रहती हो तुम्हें क्या पता , वह अनपढ कैसा विकास करेगा"!

" अनपढ ,तो  फ़िर वह शहर में क्या करने गया था"!

"शहर में वह जेल में था,पांच साल की सज़ा काट कर आरहा है"!

"किस ज़ुर्म में"!

"बलात्कार और हत्या"!

“ओह माई गॉड , "दादीजी, ऐसे लोगों का कोई विरोध नहीं करता"!

"बिटिया,  विरोध किया था, उसी का तो बलात्कार और खून हुआ था"!

"ठीक है दादीजी, तो इस बार विरोध मैं करूंगी"!

 मौलिक व अप्रकाशित

Views: 752

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on January 15, 2016 at 8:30pm

हार्दिक आभार आदरणीय फ़ूल सिंह जी!

Comment by PHOOL SINGH on January 15, 2016 at 10:09am

बहुत ही सुन्दर, आप बहुत बहुत बधाई

Comment by TEJ VEER SINGH on January 14, 2016 at 12:43pm

हार्दिक आभार आदरणीय अर्चना त्रिपाठी जी!

Comment by Archana Tripathi on January 13, 2016 at 2:55pm
वाह नेताजी की दबंगई को अबशयद जवाब मिलजाय ।
Comment by TEJ VEER SINGH on January 13, 2016 at 8:43am

हार्दिक आभार आदरणीय महर्षि त्रिपाठी जी !

Comment by maharshi tripathi on January 12, 2016 at 8:08pm
आजकल नेता वही बनता है जिसके नाम अधिक अपराध दर्ज होते हैं,
इस लघुकथा पर बधाई प्रेषित है,सादर !!!
Comment by TEJ VEER SINGH on January 12, 2016 at 7:30pm

हार्दिक आभार आदरणीय प्रतिभा पांडे जी!

Comment by pratibha pande on January 12, 2016 at 7:07pm

हमारी राजनीति का ऐसा विद्रूप चेहरा जिसके बारे में सोच कर नफरत होती है , इस चेहरे को बेनकाब करती सशक्त कथा ,बधाई स्वीकार करें आदरणीय तेज वीर जी  

Comment by TEJ VEER SINGH on January 12, 2016 at 10:04am

हार्दिक आभार आदरणीय राहिला जी!

Comment by TEJ VEER SINGH on January 12, 2016 at 10:04am

हार्दिक आभार आदरणीय प्रदीप कुमार जी!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी बहुत- बहुत धन्यवाद आपका "
45 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय गुरमीत सिंह जी बहुत- बहुत धन्यवाद आपका छतरी की मात्रा गिराने हेतु आपकी चिंता ठीक…"
48 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जु शकूर जी बहुत शुक्रिया आपका "
54 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"जी "
56 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार बहुत शुक्रगुज़ार हूँ आपका आपने वक़्त दिया मतला   "तुम्हारी…"
56 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आया सफर कब मंजिलों से याद आया।१। देखा जाये तो…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई शिज्जू शकूर जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। गिरह भी खूब हुई है। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया याद तो उन्हें भी आया और शायर को भी लेकिन…"
4 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया इस शेर की दूसरी पंक्ति में…"
4 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"कहाँ कुछ मंज़िलों से याद आया सफ़र बस रास्तों से याद आया. मतले की कठिनाई का अच्छा निर्वाह हुआ।…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई चेतन जी , सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "टपकती छत हमें तो याद आयी"…"
5 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उदाहरण ग़ज़ल के मतले को देखें मुझे इन छतरियों से याद आयातुम्हें कुछ बारिशों से याद आया। स्पष्ट दिख…"
5 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service