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कौन है देख लें रो रहा कौन है

कौन है देख लें रो रहा कौन है
कौन है उस पे हँसता हुआ कौन है

कौन है लूट कर बन गया ज़िन्दगी
ज़िन्दगी ऐ तुझे भा गया कौन है

कौन है जिसका इक बार टूटे न दिल
दिल मुकम्मल जहाँ में बचा कौन है

कौन है ढूंढ़ता इक बशर बेखता
बेखता आज कल दिख रहा कौन है

कौन है आशना जो मिटा डाले ग़म
ग़म से रब के सिवा आशना कौन है

कौन है देखलूँ हू ब हू फूल सा
"फूल सा मुस्कुराता हुआ कौन है"

कौन है जान लें 'राज़' का राज़दाँ
राज़दाँ से अदू भी मिला कौन है

(मौलिक व अप्रकाशित)

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Comment

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Comment by raju mirza on March 22, 2016 at 10:31pm

bahot khoob janab waah


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Comment by मिथिलेश वामनकर on March 7, 2016 at 12:24am

बहुत खूब आदरणीय 

Comment by Samar kabeer on March 5, 2016 at 6:07pm
जनाब विवेक'राज़'जी आदाब,पहली बार आपकी ग़ज़ल से रूबरू हुआ हूं, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही आपने,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ ।
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 5, 2016 at 11:22am

बहुत खूब

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on March 5, 2016 at 10:27am

कौन है आशना जो मिटा डाले ग़म
ग़म से रब के सिवा आशना कौन है....

बहुत सुन्दर ...एक से बढ़ एक ..
भ्रमर ५

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