For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल-आह उफ कर ले रू ब रू न आए।

२१२२ १२१२ २२

क्यूं मुझे मौत की ये बू न आये।
तेरी याद आए और तू न आये।

जख्म दर जख्म चींख,दर्द,आह,उफ।
हाल-ए-दिल,शे'र हू-ब-हू न आये।

रोज देखे किसी को छुप के हम।
आह उफ कर ले रू ब रू न आए।

रोज आए नजर से लब तक हम।
पर लबों तक ये आरजू न आये।

वो ग़ज़ल क्या ग़ज़ल जिसे सुनकर।
दर्द की आँख में लहू न आये।

होंठ पर फूल और दिल काला।
मुझको ये इल्मे गुफ्तगू न आये।

मौलिक व अप्रकाशित ।

Views: 812

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rahul Dangi Panchal on March 16, 2016 at 3:28pm
आदरणीय समर साहब बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by Samar kabeer on March 16, 2016 at 2:53pm
जनाब राहुल डांगी जी,आदाब,मेरी जानकारी के अनुसार आपकी रदीफ़ बिल्कुल सही है,"न" शब्द के बारे में मैं पहले भी बता चुका हूँ कि ये उर्दू शायरी में पूरी तरह जाइज़ है,बड़े बड़े शाइरों के यहाँ इसका इस्तेमाल मिलता है,मिसाल के तौर पर पहले भी एक शैर पेश किया था उसी को आज दोहराता हूँ जिस में दो जगह एक ही मिसरे में इसका इस्तेमाल किया गया है :-

"न हम समझे न आप आऐ कहीं से
पसीना पोछिये अपनी जबीं से"

ये मतला 'दाग़' घराने के उस्ताद शाइर महशर इनायती का है और इस तरह की बहुत सी मिसालें मिल सकती हैं ,उम्मीद है आप संतुष्ट हो गए होंगे ।
Comment by Rahul Dangi Panchal on March 16, 2016 at 10:13am
ना शब्द
Comment by Rahul Dangi Panchal on March 16, 2016 at 10:12am
आदरणीय समर साहब आपसे और अन्य गुनीजनों से विनती है मेरी यह उलझन दूर करें।
किसी शायर ने मुझे बताया कि मेरा रदीफ " न आये" गलत है उन्होंनें कहा है कि यहाँ अलिफ वस्ल जायज नहीं है क्यूं कि "न आये" का "नाये" हो जाता और ग़ज़ल में न शब्द मान्य नहीं है
Comment by Rahul Dangi Panchal on March 16, 2016 at 10:08am
आदरणीय रामबली गुप्ता जी आभार
Comment by Rahul Dangi Panchal on March 16, 2016 at 10:08am
आदरणीय Ravi Shukla धन्यवाद
Comment by Rahul Dangi Panchal on March 16, 2016 at 10:07am
आदरणीय Samar kabeer साहब जी आपनी टिप्पणी पाकर रचना धन्य हुई शुक्रिया
Comment by Rahul Dangi Panchal on March 16, 2016 at 10:06am
आदरणीय laxman dhami जी शुक्रिया
Comment by Rahul Dangi Panchal on March 16, 2016 at 10:06am
आदरणीय narendrasinh chauhan जी शुक्रिया
Comment by रामबली गुप्ता on March 15, 2016 at 7:16pm
बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई आ.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"शुक्रिया आदरणीय चेतन जी इस हौसला अफ़ज़ाई के लिए तीसरे का सानी स्पष्ट करने की कोशिश जारी है ताज में…"
12 minutes ago
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"संवेदनाहीन और क्रूरता का बखान भी कविता हो सकती है, पहली बार जाना !  औचित्य काव्य  / कविता…"
5 hours ago
Chetan Prakash commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"अच्छी ग़ज़ल हुई, भाई  आज़ी तमाम! लेकिन तीसरे शे'र के सानी का भाव  स्पष्ट  नहीं…"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सुरेद्र इन्सान जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई।  मतला प्रभावी हुआ है. अलबत्ता,…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ जी आपके ज्ञान प्रकाश से मेरा सृजन समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी"
yesterday
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 182 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

२२ २२ २२ २२  आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा  का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"सुझावों को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुशील सरना जी.  पहला पद अब सच में बेहतर हो…"
Wednesday
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
Wednesday
Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"एकदम अलग अंदाज़ में धामी सर कमाल की रचना हुई है बहुत ख़ूब बधाई बस महल को तिजोरी रहा खोल सिक्के लाइन…"
Tuesday
surender insan posted a blog post

जो समझता रहा कि है रब वो।

2122 1212 221देख लो महज़ ख़ाक है अब वो। जो समझता रहा कि है रब वो।।2हो जरूरत तो खोलता लब वो। बात करता…See More
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service