For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कलाधर छंद.....धन्यवाद ज्ञापन

कलाधर छंद............धन्यवाद ज्ञापन

(१)

 

धन्यवाद ज्ञाप  आज आपका विशेष  श्लेष वंदना करूं  यथा प्रणाम राम-राम है.

दूर - दूर से  यहां   पधार के  पवित्रता   सुमित्रता दिया  हमें  अवाम राम-राम है.

शब्द भाव भक्ति ज्ञान दे रहे सुवृत्ति मान सत्य सूर्य-चंद्र मस्त श्याम राम-राम है.

आपके सुयोग से   रचे गये सुपंथ मंत्र   भव्य का प्रणाम   ब्रह्म- धाम राम-राम है.

 

(२)

धन्य-धन्य भाग्य है कि धन्य है सुभारती कि धन्य स्थान काल दिव्य आरती उतारती.

शारदे सुब्रह्म शैव   शक्ति को बुला रही   कि व्यंजना प्रगीत –  गीत - छंद में संवारती.

आपकी  उदारता    महानता  विशुद्ध नीति    सूर्य के समान  नित्य    रोशनी  बिखेरती.

पाप - अंधकार आज  गर्त में समा रहे   कि प्रेम – भक्ति आपकी  प्रभात  को  उकेरती.

 

मौलिक व अप्रकाशित/

रचनाकार....केवल प्रसाद सत्यम

Views: 1270

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 30, 2016 at 7:24pm

आदरणीय रक्ताले भाई जी,  प्रणाम!  उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार. सादर

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 30, 2016 at 7:23pm

आदरणीय गोपाल नारायण भाई जी,   उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार. सादर

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 30, 2016 at 7:23pm

आदरणीय राम बली भाई जी    उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार. सादर

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 30, 2016 at 7:22pm

आदरणीय श्याम नारायण भाई जी उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार. सादर

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 29, 2016 at 5:34pm

वाह ! कलकल प्रवाह लिए दोनों ही कलाधर छंद मन को मोहित कर रहे हैं भाई केवल प्रसाद जी. इस सुंदर सृजन के लिए बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें. सादर.

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 27, 2016 at 8:01pm

आ० केवल जी  आपका मात्रिक विन्यास मन मोह लेता है .

Comment by रामबली गुप्ता on May 27, 2016 at 2:56pm
बहुत ही बेहतरीन रचना आदरणीय। हृदय से बधाई स्वीकार करें।
Comment by Shyam Narain Verma on May 27, 2016 at 10:39am

बहुत सुंदर रचना बधाई आपको

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service