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देश में रहकर मुहब्बत देश से करते चलो!

देश में रहकर मुहब्बत, देश से करते चलो!
देश आगे बढ़ रहा है, तुम भी डग भरते चलो.

.
देश जो कि दब चुका था, आज सर ऊंचा हुआ है,
देश के निर्धन के घर में, गैस का चूल्हा जला है
उज्ज्वला की योजना से, स्वच्छ घर करते चलो.

देश में रहकर............

.

देश भारत का तिरंगा, हर तरफ लहरा रहा,
ऊंची ऊंची चोटियों पर, शान से फहरा रहा,
युगल हाथों से पकड़ अब, कर नमन बढ़ते चलो.

देश में रहकर............

.

देश मेरा हर तरफ से, शांत व आबाद है,

न कहीं विद्रोह के स्वर, सिर्फ जिन्दा बाद है, 
राह जो दिखलाई जाए, हो मगन चलते चलो.

देश में रहकर............

.

जी डी पी की ग्रोथ सुनकर, हर कोई हैरान है, 
देश आगे बढ़ रहा है, काहे तू परेशान है!
रो रहे हैं भ्रष्ट चारी, सुजन सब हँसते चलो.

देश में रहकर............

.

दो बरस सूखे में बीते, इस बरस में जान है,
मेघ बरसेंगे समय से, पूर्व से अनुमान है,
बीज लेकर खेत में अब, तुम भजन करते चलो.

देश में रहकर............

.

हर परिंदा खुश है देखो, पेड़ का परिवार है,
कृषक खेतों को चले हैं, स्वपन अब साकार है,
आसमां के पट को देखो, घन सघन करते चलो.

देश में रहकर............

.

प्रदूषण का अंत कर अब, पेड़ पौधों को बचा लो.
मोर के भी पंख परखो, नृत्य से मन को जुड़ा लो.
मन के अंदर की जलन को, अब शमन करते चलो!

देश में रहकर............

.

दूर के भी देश देखो, अब हमें वो मानता है,
पग हमारे बढ़ चले हैं, शत्रु भी पहचानता है.
पास में जो हैं पड़ोसी, धिनक धिन करते चलो.

देश में रहकर............

.

(मौलिक व अप्रकाशित)

- जवाहर लाल सिंह, ०७.०६.२०१६ 

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Comment by JAWAHAR LAL SINGH on June 8, 2016 at 10:47pm

आदरणीया प्रतिभा जी, सादर अभिवादन! मेरी भावना को समझने और सम्मान देने के लिए आपका  हार्दिक अभिनन्दन! बहुत कुछ अच्छा होता दीख रहा है. हमारे प्रधान मंत्री का विदेशों में आदर और सम्मान हम सभी भारतीयों के लिए गर्व का विषय है. कभी कभी कुछ लोग नकारात्मक पहलू की तरफ देखते हैं, उसके राजनीतिक कारण भी होते हैं. प्रधान मंत्री एक बड़े उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, इतना तो प्रतीत होता ही है. सादर!  

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on June 8, 2016 at 10:41pm

उत्साह वर्धक प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार आदरणीय maharshi tripathi जी!

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on June 8, 2016 at 10:40pm

उत्साह वर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार आदरणीय Sheikh Shahzad Usmani साहब!

Comment by Madan Mohan saxena on June 8, 2016 at 2:34pm

आपको हार्दिक बधाई इस रचना पर आदरणीय ,जवाहरलाल सिंह जी
दूर के भी देश देखो, अब हमें वो मानता है,
पग हमारे बढ़ चले हैं, शत्रु भी पहचानता है.
पास में जो हैं पड़ोसी, धिनक धिन करते चलो.

देश में रहकर...........


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 8, 2016 at 12:27pm

आदरणीय जवाहर भाई , बढ़िया संदेश दिया है आपने इस रचना के माध्यम से हार्दिक बधाइयाँ आपको ।

Comment by pratibha pande on June 8, 2016 at 8:57am

 देश के विकास के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखती  रचनाको  पढना सुख की अनुभूति दे रहा है, देश तो हमारा है ,हमेशा    इसके नकारात्मक पहलू ही क्यों  देखते हैं हम ...आपको हार्दिक बधाई इस रचना पर आदरणीय ,जवाहरलाल सिंह जी   

Comment by maharshi tripathi on June 7, 2016 at 12:09pm
बहुत सुंदर,देश भक्ति जगाती इस अच्छी कविता हेतु नमन आपको !!!
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on June 7, 2016 at 11:22am
बहुत सुंदर। देश के वर्तमान परिदृश्य पर सभी समसामयिक पहलुओं पर बख़ूबी रौशनी डालती काव्य रचना के लिए हृदयतल से बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय जवाहर लाल सिंह जी।

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