For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल : नासूर है ...

फ़िक्रमंदों का अज़ब दस्तूर है 
ज़िक्र हो बस फिक्र का मंज़ूर है
 
जो कभी इक शे'र कह पाया नहीं 
वो मयारी हो गया मशहूर है
 
जो किसी परचम तले आया नहीं
वो नहीं आदम भले मजबूर है
 
मोड़ औ नुक्कड़ ज़हां के देख लो 
ये कंगूरा  तो बहुत मगरूर है
 
चन्द साँसों का सिला जो ये मिला 
चौखटों की शान का मशकूर है
 
ये कसीदे शान में किस की पढ़ें 
रोशनी की हर वज़ह बेनूर है
 
वो बहेगा दर्द देगा बारहा
फितरतन जो बस महज़ नासूर है   l

Views: 450

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ASHVANI KUMAR SHARMA on May 18, 2011 at 6:04pm
shukriya pandey sir............hausala afzai ke liye

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 16, 2011 at 8:47am
//वो बहेगा दर्द देगा बारहा
फितरतन जो बस महज़ नासूर है //
इस नासूर की टीस को समझना किसी ग़ज़लगो के लिये फ़लसफ़ा है.. 
इस अंदाज़ के लिये बधाइयाँ.
Comment by ASHVANI KUMAR SHARMA on May 16, 2011 at 12:29am
sir hausala afzai ka shukriya
Comment by ASHVANI KUMAR SHARMA on May 16, 2011 at 12:29am
shukriya baagi ji
Comment by ASHVANI KUMAR SHARMA on May 16, 2011 at 12:28am
sangeeta ji abhaari hun
Comment by ASHVANI KUMAR SHARMA on May 16, 2011 at 12:28am
vandana ji abhaar
Comment by Tilak Raj Kapoor on May 15, 2011 at 11:48pm
वाह जनाब, खूबसूरत अंदाज़ हे।

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 15, 2011 at 9:42pm
ये कसीदे शान में किस की पढ़ें 
रोशनी की हर वज़ह बेनूर है
बहुत खूब अश्वनी शर्मा जी , सभी शे'र अच्छे बन पड़े है , दाद कुबूल करे |
Comment by sangeeta swarup on May 15, 2011 at 7:54pm
चन्द साँसों का सिला जो ये मिला 
चौखटों की शान का मशकूर है
 
ये कसीदे शान में किस की पढ़ें 
रोशनी की हर वज़ह बेनूर है
खूबसूरत गज़ल 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा जी, बहुत धन्यवाद। "
33 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी, बहुत धन्यवाद। "
34 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, आप का बहुत धन्यवाद।  "दोज़ख़" वाली टिप्पणी से सहमत हूँ। यूँ सुधार…"
35 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"//दोज़ख़ पुल्लिंग शब्द है//... जी नहीं, 'दोज़ख़' (मुअन्नस) स्त्रीलिंग है।  //जिन्न…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, बहतर है।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। आशा है कि…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की  टिप्पणी क़ाबिले ग़ौर…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये हेर शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ है, फिर भी…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गिरह ख़ूब, अमित जी की टिप्पणी…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service