रंग बिरंगे हाइकु
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1.
ग्रीष्म की रुत
सांकल सी खटकी
पीली लू आयी
२.
लिखती रही
रंगीन सा हाइकू
रात भर मैं
३.
सफ़ेद छोने
बर्फ के सिरहाने
फाये रुई के
...आभा
Comment
वाह ! तीनों ही हायकू सुंदर रचे हैं आदरणीया. बहुत-बहुत बधाई. सादर.
आदरणीय समर कबीर जी नमस्कार ,
मैं आपका हार्दिक अभिनन्दन करती हूँ जो आपको 'मेरे रंग बिरंगे हाइकू' पसंद आये ..इसी तरह स्नेह भाव बनाये रखियेगा ..शुक्रिया
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