For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

(श्रृंगार छंद की रचना। 16 मात्रा आदि 32 अंत 23(21) )

सजन ना प्यास अधूरी छोड़।
हमारा नाजुक दिल ना तोड़।
बहुत हम तड़पे करके याद।
एक दुखिया करती फरियाद।।

सदा तारे गिन काटी रात।
बादलों से करती थी बात।
रही मैं रोज चाँद को ताक।
कलेजा होता रहता खाक।।

मिलन रुत आई बरसों बाद।
करो मत इसको यूँ बरबाद।
गले से लगने की है चाह।
निकलती साँसों से अब आह।।

बाँह में लो निचोड़ तुम आज।
छेड़ दो रग रग के सब साज।
होंठ अब रहे हमारे काँप।
मिलन की आतुरता को भाँप।।

समर्पण ही है मेरा प्यार।
सजन अब कर इसको स्वीकार।
मिटा दो जन्मों की सब प्यास।
पूर्ण कर दो सब मेरी आश।।

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
01-08-2016

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 560

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on October 5, 2016 at 8:56pm
धन्यवाद आदरणीय गिरिराज सर जी।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 5, 2016 at 8:45pm

आदरणीय वासुदेव भाई , वियोग शृंगार की अच्छी रचना हुई है , हार्दिक बधाइयाँ ।

Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on October 5, 2016 at 7:52pm
आदरणीय कल्पना जी आपका बहुत आभार।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 5, 2016 at 7:36pm

इस सुंदर छंद रचना के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय |

Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on October 4, 2016 at 8:00am
आ. कालीपद सर आपका बहुत आभार।
Comment by Kalipad Prasad Mandal on October 3, 2016 at 11:03pm

श्रृगार और वियोग का सुन्दर, मधुर  संमिश्रण | बधाई आपको आदरणीय }

Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on October 3, 2016 at 8:47pm
आ.शिज्जु शकूर भाई इस हौसला अफजाई के लिए दिली शुक्रिया।
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on October 3, 2016 at 8:45pm
आ.सतविंदर भाई आपके उत्साह वर्धन के लिए हार्दिक आभार।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 3, 2016 at 5:40pm

आ, बासुदेव अग्रवाल 'नमन'  जी वियोग शृंगार पर अच्छी रचना हुई है बधाई आपको

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on October 3, 2016 at 5:03pm
हार्दिक बधाई आदरणीय,इस सुंदर छ्न्द रचना के लिए।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
2 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
4 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
4 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
4 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service