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दीपावली पर कुछ दोहे ...

धनतेरस के पर्व पर, कर लें कार्य महान|

निर्धन को बर्तन करें, दान आप श्री मान||

 

दीवाली लाये सदा, खुशियाँ अपरम्पार|

खील बताशे कह रहे, हम आये हैं द्वार||

 

लक्ष्मी और गणेश की, पूजा करिए साथ|

सब पर ही किरपा करें, मेरे भोले नाथ||

 

होई करवा चौथ का, लगे अनोखा मेल|

पर्वों की अब देखिये छूटी जाती रेल||

 

इस दीवाली लग रही, फीकी सी सब ओर|

सीमा पर प्रहरी तकें, एक सुहानी भोर||

 

डाल दिये झूले सभी मन की मोटी डार I
यादें आयीं झूलने माँ आँगन कर पारII

आँखों में प्रभु बस रहे देते हैं आनन्द।
हो सुख की अनुभूति जब मिलता परमानंद।।

....आभा 

अप्रकाशित एवं मौलिक 

 

 

 

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Comment by Abha saxena Doonwi on November 1, 2016 at 4:46pm

आदरणीय राम बली गुप्ता जी आपने मेरी रचना पढ़ी ,सराहा मुझे अच्छा लगा ..आपकी मैं दिल से शुक्रगुजार हूँ ...

Comment by Abha saxena Doonwi on November 1, 2016 at 4:45pm

आदरणीय samar Kabeer साहब जी आपने मेरी रचना पढ़ी ,सराहा मुझे अच्छा लगा ..आपकी मैं दिल से शुक्रगुजार हूँ ...

Comment by Abha saxena Doonwi on November 1, 2016 at 4:43pm

आदरणीय sheikh Shahzad भाई आपने  मेरी रचना को  पसंद किया मैं ह्रदय से आभारी  हूँ ..शुक्रिया आपका ....

Comment by रामबली गुप्ता on October 31, 2016 at 9:06pm
सभी दोहे सुंदर प्रासंगिक और शिल्पबद्ध हुए हैं आदरणीया आभा सक्सेना जी। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।सादर
Comment by Samar kabeer on October 30, 2016 at 9:39pm
मोहतरमा आभा सक्सेना जी आदाब,दीपावली का बहतरीन तोहफ़ा दिया है आपने मंच को दोहों के रूप में,अच्छे लगे आपके दोहे,इस प्रस्तुति संग दीपावली की बधाई और शुभकामनाएं स्वीकार कीजिये ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 28, 2016 at 11:30am
धनतेरस व दीपावली पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाओं सहित इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीया आभा सक्सेना जी।

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