श्रद्धा - लघुकथा –
शिव रात्रि के मौके पर गाँव में शिव जी की रथ यात्रा निकाली जा रही थी। गाँव के हर घर के आगे रथ यात्रा रुक जाती थी । रथ यात्रा के साथ जो स्वंय सेवक लोग जुलूस के रूप में चल रहे होते थे वह घर के लोगों को आग्रह करते थे कि भोले नाथ जी के दर्शन का लाभ लें। घर के सभी लोग, स्त्रियाँ और बच्चे दर्शन करते और दान पात्र में कुछ दान पुन्य भी करते। बदले में उन्हें कुछ प्रसाद भी मिलता |
रथ यात्रा का जुलूस अभी गाँव के बीच हरिजन टोला में ही था कि दो दस बारह वर्ष के लड़के एक गेंदे के फूलों की माला पकड़े एक दूसरे को, उस माला को शिव जी की मूर्ति पर डालने को, उकसा रहे थे।अंत में एक लड़के ने हिम्मत करके वह माला शिव जी की मूर्ति पर फेंक दी।माला सीधे भोले नाथ के गले में पहुंच गयी। कुछ दर्शकों ने तालियाँ भी बजा दीं।
स्वंय सेवकों में कुछ खुसुर पुसुर हुई। अचानक सब मिलकर उस लड़के को पीटने लगे।
कुछ बुजुर्ग बीच में आये,"क्या हुआ, भैया जी, क्यों मार रहे हो इस बेचारे को"।
"इसने मूर्ति अपवित्र कर दी। यह अछूत है"।
"तो भैया जी, आप हम अछूतों के मुहल्ले में यह रथ यात्रा निकालते ही क्यों हो"।
"इसलिये कि यहाँ, आप लोगों में भी शिव भक्त रहते हैं"।
"मगर भैया जी, फिर वे लोग अपनी श्रद्धा और भक्ति का प्रदर्शन किस प्रकार करेंगे"।
"उसके लिये ही तो दान पात्र है । दान दो और पुन्य कमाओ ” ।
मौलिक एवम अप्रकाशित
Comment
आदरणीय तेजवीर सिंह जी आपकी इस लघुकथा में श्रद्धा भी बाजारीकरण की गिरफ़्त में आ गयी है। सामाजिक बुराई को उजागर करती इस लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई।
हार्दिक आभार आदरणीय नीता कसार जी ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online