For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैंने गलत को गलत कहा

ना कोई सगा रहा,
जिस दिन से होकर बेधड़क
मैंने गलत को गलत कहा!

तोहमतें लगने लगी,
धमकियां मिलने लगी,
हां मेरे किरदार पर भी
ऊंगलियां उठने लगी,
कातिलों के सामने भी
सिर नहीं मेरा झुका!
मैंने गलत को गलत कहा!

चापलूसों से घिरे
झाड़ पर वो चढ़ गये,
इतना गुरूर था उन्हें
कि वो खुदा ही बन गये,
झूठी तारीफें न सुन
हो गये मुझसे ख़फा!
मैंने गलत को गलत कहा!

मेरी सब बेबाकियों की
दी गई ज़ालिम सज़ा,
फांसी पे लटका दिया
बोले अब आया मज़ा,
है गलत जिसने गलत को
मौन होकर न सहा!
मैंने गलत को गलत कहा!

शिखा कौशिक नूतन

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 820

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by shikha kaushik on May 13, 2017 at 12:03pm
हार्दिक धन्यवाद तेजवीर जी व शकूर जी

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 13, 2017 at 11:15am

अच्छी रचना है आ. शिखा कौशिक जी बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by TEJ VEER SINGH on May 13, 2017 at 10:02am

हार्दिक बधाई आदरणीय शिखा कौशिक जी।बहुत सुन्दर रचना।

Comment by shikha kaushik on May 13, 2017 at 9:55am
आदरणीय आरिफ जी हौसलाअफजाई के लिए हार्दिक धन्यवाद.
Comment by Mohammed Arif on May 13, 2017 at 9:27am
आदरणीया शिखा कौशिक जी आदाब, ओबीओ मंच पर आपका हार्दिक स्वागत है । आपने पहली प्रस्तुति ही बड़ी ज़ोरदार दी है । रचना में सच का आग्रह स्फुटित हुआ है और होना भी चाहिए । सफल आभिव्यक्ति । ढेरों बधाईयाँ स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service