For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल "दिखाना ख़्वाब यूँ अच्छा नहीं है"

1222 1222 122
दिखाना ख़्वाब यूँ अच्छा नहीं है।
फ़क़त बातों से कुछ होता नहीं है।।

***
बुरा अंजाम होता है बुरे का।
ख़ुदा से कुछ भी तो छुपता नहीं है।।

***
कई धोख़े मिले हैं जिंदगी में।
किसी पर अब यकीं होता नहीं है।।

***
मुहब्बत में मुझे इक बेवफा ने।
दिया वो जख़्म जो भरता नहीं है।।

***
यकीं कोई न अब उस पर करेगा।
वो अपनी बात पर टिकता नहीं है।।

***
उसे है याद बातें सब पुरानी।
मगर अब गाँव वो जाता नहीं है।।

***
भले "इंसान" की पहचान है ये।
किसी को वो बुरा कहता नहीं है।।

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 880

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by surender insan on August 8, 2017 at 2:21pm
आप सभी आदरणीयों गुणीजनों का बहुतबहुत दिली शुक्रिया और आभार जी। आप सबकी उत्साह वर्धक टिप्पणियों से हौसला बढ़ गया है जी। आप सभी से सादर विनती है कि इसी तरह भविष्य में भी अपना स्नेह बनाये रखे जी और मार्गदर्शन करते हुए हौसला दे जी । आप सभी को सादर नमन जी।
Comment by surender insan on August 8, 2017 at 2:17pm
जी आदरणीय गिरिराज भाई जी आदाब। जी बेहद दिली शुक्रिया जी । बहुत बहुत आभार जी।
Comment by surender insan on August 8, 2017 at 2:16pm
जी आदरणीय रवि शुक्ला जी आदाब। बहुत बहुत दिली शुक्रिया जी। सादर नमन सँग आभार जी।
Comment by surender insan on August 8, 2017 at 2:05pm
आदाब आदरणीय गजेंद्र जी। जी बेहद दिली शुक्रिया जी ।बहुत बहुत आभार जी।
Comment by surender insan on August 8, 2017 at 2:03pm
आदरणीय गुरप्रीत सिंह जी आदाब। बेहद शुक्रिया आपका जी। बहुत बहुत आभार जी।
Comment by surender insan on August 8, 2017 at 1:57pm
जी बेहद शुक्रिया आदरणीय ब्रजेश कुमार जी। सादर नमन सँग आभार जी।
Comment by surender insan on August 8, 2017 at 1:56pm
आदाब आदरणीय सुरेन्द्र नाथ जी। जी बेहद दिली शुक्रिया जी आपका।
Comment by surender insan on August 8, 2017 at 1:54pm
आदाब आदरणीय श्याम किशोरजी। जी बेहद शुक्रिया आपका जी। सादर नमन जी।
Comment by surender insan on August 8, 2017 at 1:53pm
आदाब आदरणीय बसन्त कुमार शर्मा जी। बहुत बहुत शुक्रिया जी आपका जी।
Comment by surender insan on August 8, 2017 at 1:51pm
आदाब आदरणीय नीलेश जी । बहुत बहुत दिली शुक्रिया जी आपका। ग़ज़ल होने के बाद मैंने देखा कि ज्यादा तर काफ़िये ता वाले हो गए है। ऐसा कुछ सोच समझ कर नहीं किया बस हो गये जी खुद ब खुद ही। आदरणीय इस से कोई दोष तो नहीं होता जी। सादर जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"खुद ही अपनी ज़िन्दगी दुश्वार भी करते रहे दोस्तों से गैर सा व्यवहार भी करते रहे धर्म-संकट से बचाना…"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आपकी ग़ज़ल में रदीफ़, काफ़िया और बह्र की दृष्टि से प्रयास सधा हुआ है। इसे प्रशंसनीय अभ्यास माना जा…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"सादर , अभिवादन आदरणीय।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"नफ़रतों की आँधियों में प्यार भी करते रहे।शांति का हर ओर से आधार भी करते रहे।१। *दुश्मनों के काल को…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जय-जय"
7 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"स्वागतम"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Saurabh Pandey's blog post गजल - जा तुझे इश्क हो // -- सौरभ
"आ. सौरभ सर श्राप है या दुआ जा तुझे इश्क़ हो मुझ को तो हो गया जा तुझे इश्क़ हो..इस ग़ज़ल के…"
12 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. नाथ जी "
12 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. विजय जी "
12 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. अजय जी "
12 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
12 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. समर सर. पता नहीं मैं इस ग़ज़ल पर आई टिप्पणियाँ पढ़ ही नहीं पाया "
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service