For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

2222 2222 222
दूरी अपने बीच मिटा भी नहीं सकता।
आना चाहूँ तो मैं आ भी नहीं सकता।

मैं तुझ से मिलने को आ भी नहीं सकता।
क्या दिल पे गुजरती है बता भी नहीं सकता।।

बेईमानी से मैं कमा भी नहीं सकता।
भूखा बच्चों को मैं सुला भी नहीं सकता।।

मैं इतना दूर चला आया हूँ उस से।
वो आना चाहे तो आ भी नहीं सकता।

पहले से दुख इतने हैं मेरे अंदर।
और कोई दिल मेरा दुखा भी नहीं सकता।।

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 522

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by surender insan on August 1, 2017 at 9:11am
जी आदाब मोहतरम समर कबीर साहब। बेहद दिली शुक्रिया आपका जी।
आदरणीय किर्पया बताये जी थोड़ा विस्तार से जी ।


आदरणीय कोई एक शेर देखे जी जैसे कि यह।

मैं उस से इतना दूर चला आया हूँ।
वो आना चाहे तो आ भी नहीं सकता।।

क्या लय के आधार पर ही यह बह्र से ख़ारिज है जी? इस में केवल सानी में भी' में मात्रा पतन है जी। ताकि इस बह्र में आगे बढ़ सकूँ जी।
Comment by Samar kabeer on July 26, 2017 at 4:07pm
जनाब सुरेश इंसान जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।
आपकी पूरी ग़ज़ल बह्र में नहीं है,इस हेतु पटल पर आलेख मौजूद हैं उनका अध्यन करें ।
मेरे ब्लॉग पर इस बह्र में कुछ ग़ज़लें हैं,उनपर आई टिप्पणियां भी हैं जो आपको इस बह्र को सीखने में मददगार होंगी,उनका भी अध्यन करें ।
Comment by surender insan on July 26, 2017 at 4:02pm
जी आदाब आदरणीय रवि शुक्ला जी। बेहद शुक्रिया आपका जी।
आदरणीय किर्पया बताये जी थोड़ा विस्तार से जी ।


आदरणीय यह शेर देखे जी ।

मैं इतना दूर चला आया हूँ उस से।
वो आना चाहे तो आ भी नहीं सकता।


क्या इसमें सानी में अटकाव या लय बाधित है जी? सादर जी।
Comment by surender insan on July 26, 2017 at 3:33pm
जी आदाब आदरणीय रवि शुक्ला जी। बेहद शुक्रिया आपका जी।
आदरणीय किर्पया बताये जी थोड़ा विस्तार से जी ।


आदरणीय यह शेर देखे जी ।
क्या इसमें सानी में अटकाव या लय बाधित है जी? सादर जी।
Comment by surender insan on July 26, 2017 at 3:30pm
जी बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय बसन्त कुमार शर्मा जी।
Comment by Ravi Shukla on July 26, 2017 at 1:17pm

आदरणीय सुरेन्‍द्र जी गजल का प्रयास ठीक है पर इस बहर मे कथ्‍य के साथ महत्‍वपूर्ण बात है लय जिसके बिना ये बहर कारगर नहीं होती आपकी गजल में लय को और बेहतर करने की गंजाइश है अभी । सादर

Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 26, 2017 at 12:57pm

बहुत खूब 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
34 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
56 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
1 hour ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
2 hours ago
Profile IconSarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
21 hours ago
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
yesterday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service