(फाइलातुन -फइलातुन -फइलातुन -फेलुन )
आने वाला कोई फिर दौरे परेशानी है |
यक बयक करने लगा कोई महरबानी है |
देखता है जो उन्हें कहता है वो सिर्फ़ यही
इस ज़माने में नहीं उनका कोई सानी है |
आएगा सामने उसका भी नतीजा जल्दी
वक़्त के हुक्मरा की तू ने जो मनमानी है |
ख़त्म हो जाएगी हर चीज़ ही क्या है दुनिया
सिर्फ़ उल्फ़त ही वो शै है जो नहीं फानी है |
आ गया जब से मुझे उनका तसव्वुर करना
हो गई तब से मुलाक़ात में आसानी है |
रंज मिटते ही भुला देता है अपने रब को
फितरते ख़ास तो यह दोस्तों इंसानी है |
उनका किरदार है तस्दीक़ फरिश्तों जैसा
यूँ ही दुनिया नहीं उनकी हुई दीवानी है |
(मौलिक व अप्रकाशित )
Comment
हार्दिक आभार आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहब जी।बेहतरीन गज़ल।
आएगा सामने उसका भी नतीजा जल्दी
वक़्त के हुक्मरा की तू ने जो मनमानी है |
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