For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुझसे रूठा है कोई उसको मनाना होगा - सलीम रज़ा रीवा

2122 1122 1122 22 

-
मुझसे रूठा है कोई उसको मनाना होगा
भूल कर शिकवे-गिले दिल से लगाना होगा   
-
जिन चराग़ों से ज़माने में उजाला फैले 
उन चराग़ों को हवाओ से बचाना होगा 
-
जिसकी ख़ुशबू से महक जाए ये दुनिया सारी
फूल गुलशन में कोई  ऐसा खिलाना होगा
-
मैं जहाँ छोड़ के आ जाऊंगा तेरी ख़ातिर 
शर्त ये है कि मेरा साथ निभाना होगा 
-
दिल के रिश्तों को अगर प्यार से जोड़ा जाए
एक बंधन में बँधा सारा ज़माना होगा
-
कोई प्यारी सी ग़ज़ल कहना अगर चाहो तो 
इश्क़ में डूबे ख़्यालात को लाना होगा
-
चाहते हो जो मिटे सब के दिलों से नफ़रत
दुश्मनों को भी रज़ा दोस्त बनाना होगा
-

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 995

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SALIM RAZA REWA on November 16, 2017 at 12:02pm

आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी ,
आपकी नवाजिश के लिए बहुत बहुत शुक्रिया।

Comment by SALIM RAZA REWA on November 16, 2017 at 12:02pm

आली जनाब तस्दीक़ साहिब ,
आपकी ग़ज़ल पे शिरकत और महब्बत के लिए शुक्रिया ,

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on November 16, 2017 at 11:20am

जनाब सलीम साहिब , उम्दा ग़ज़ल हुई है , मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ

Comment by नाथ सोनांचली on November 16, 2017 at 4:30am
आद0 सलीम रज़ा साहब सादर अभिवादन, एक और उम्दा ख्यालों को बुनती हुई ग़ज़ल पर ढेरों मुबारकबाद। बहुत बहुत बधाई।सादर
Comment by SALIM RAZA REWA on November 15, 2017 at 10:56pm
आ. दीदी राजेश कुमारी जी,
ग़ज़ल पर आपकी शिरक़त और हौसला अफज़ाई के लिए दिली शुक्रिया.
Comment by SALIM RAZA REWA on November 15, 2017 at 10:54pm
आ. तेजवीर सिंह जी,
आपकी ग़ज़ल पर शिर्कत और हौसला अफज़ाई के लिए दिली शुक्रिया.
Comment by SALIM RAZA REWA on November 15, 2017 at 10:51pm
आ. बृजेश जी,
आपकी महब्बत सलामत रहे बहुत बहुत शुक्रिया.
Comment by SALIM RAZA REWA on November 15, 2017 at 10:50pm
आ. काली प्रसाद जी,
आपकी नज़रे इनायत के लिए शुक्रिया.
Comment by SALIM RAZA REWA on November 15, 2017 at 10:49pm
जनाब आरिफ साहब,
आपकी नज़रे इनायत के लिए शुक्रिया.
Comment by SALIM RAZA REWA on November 15, 2017 at 10:48pm
आली जनाब समर साहब,
आपकी नज़रे इनायत के लिए शुक्रिया, आपकी महब्बत से महरूम मत करिए,..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
57 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
9 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई भिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service