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ग़ज़ल....दिल जला के रौशनी होती नहीं है-बृजेश कुमार 'ब्रज'

फाइलातुन फाइलातुन फाइलातुन

दर्द अपना यूँ सर-ए-बाज़ार कर के
क्या मिलेगा वक़्त से तक़रार कर के

कुछ नहीं हासिल,समझते क्यों नहीं हो
गम उठाना आह भरना प्यार कर के

सामने उस मोड़ पर कुछ अनमना सा
शख़्स इक बैठा है सब न्योछार कर के

बन्दगी उल्फत है मैं था इस गुमां में
वो नहीं आया अना को पार कर के

दिल जला के रौशनी होती नहीं है
ये भी 'ब्रज' ने देखा है सौ बार कर के


(मौलिक एवं अप्रकाशित)
बृजेश कुमार 'ब्रज'

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Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on July 2, 2018 at 12:31pm

रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं आभार आदरणीय राज साहब...दूसरे शेर में 'गम उठा के आह भर के प्यार कर के' इसमें के शब्द की पुनरावृत्ति से मजा नहीं आएगा...हालाँकि तीसरे शेर में आदरणीय समर जी की बात का संज्ञान है मुझे।उसको यूँ करता हूँ "शख़्स इक बैठा है सब न्यौछार कर के" बताइयेगा...

Comment by राज़ नवादवी on July 2, 2018 at 6:19am

वैसे जनाब समर कबीर साहब की बात सही लगती है क्योंकि प्रयोग में हम कहते हैं कि हम (मसलन कुछ भी) हार के बैठे हैं, हार कर के बैठे हैं, ऐसा नहीं. सादर 

Comment by राज़ नवादवी on July 2, 2018 at 12:04am

ब्रिजेश जी बस यूँ ही:

सामने उस मोड़ पर कुछ अनमना सा 
शख़्स इक बैठा है सबकुछ हार कर के

इसे ऐसे किया जा सकता है क्या?

अपनी बर्बादी के सूने खंडहरों में 
शख़्स इक बैठा है सबकुछ हार कर के

सादर 

Comment by राज़ नवादवी on July 1, 2018 at 11:55pm

आदरणीय ब्रज जी, सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति के दिल मुबारकबाद. इस शेर को 

कुछ नहीं हासिल,समझते क्यों नहीं हो 
गम उठाना आह भरना प्यार कर के

यूँ कर लें तो?

कुछ नहीं हासिल,समझते क्यों नहीं हो 
गम उठाके, आह भरके, प्यार कर के

सादर 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on July 1, 2018 at 8:38am
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय डा. साहब..सादर
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on July 1, 2018 at 8:37am
ग़ज़ल पे शिरक़त के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीया रक्षिता सिंह जी..
Comment by Dr Ashutosh Mishra on June 29, 2018 at 3:24pm
इस खूबसूरत ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय भाई ब्रिजेश जी
Comment by रक्षिता सिंह on June 27, 2018 at 11:46pm

आदरणीय ब्रजेश जी नमस्कार
बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल....मुबारकबाद कुबूल करें ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 27, 2018 at 11:43am

हौसलाफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी सादर

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 27, 2018 at 11:42am

स्वागत संग आभार आदरणीय महेंद्र जी सादर

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