For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पहल - लघुकथा -

सुखदेव जी का पांच साल का बेटा आइने के आगे खड़े होकर सिगरेट मुंह में लगाकर अपने पापा की सिगरेट पीने की स्टाइल की नक़ल कर रहा था।

सुखदेव जी की नज़र जैसे ही उस पर पड़ी, उनकी खोपड़ी भन्ना गयी।गुस्से में तमतमा गये।

"यह क्या कर रहा है बबलू?"

"पापा, देखो आप ऐसे ही पीते हो ना सिगरेट। मैं बिलकुल कॉपी कर लेता हूँ।"

"मगर इसमें धुआँ तो निकल ही नहीं रहा।" उसकी बहिन ने तंज कसा।

"वह भी निकलेगा,  थोड़ा बड़ा हो जाने दो।"

"मैं अभी निकालता हूँ तेरा धुआँ|" सुखदेव जी ने यह कहते हुए बबलू के गाल पर एक झन्नाटे दार थप्पड़ जड़ दिया| सिगरेट उछल कर दूर गिरी। बबलू का गाल लाल हो गया। वह अपना गाल सहलाते हुए जोर जोर से रोने लगा।

बबलू का रोना सुनकर उसकी माँ आ गयी,"क्या हुआ बबलू बेटा। क्यों रो रहे हो?"

"पापा ने बहुत जोर से थप्पड़ मारा।"

"क्यों जी इतने जोर से मारते हैं इतने छोटे बच्चे को?  पाँचों उंगली छप गयी हैं गाल पर।"

"अरे पहले उसकी करतूत तो देखो। सिगरेट पीने की प्रैक्टिस कर रहे हैं साहबजादे।"

"आप दिन भर सिगरेट फूंकते हो। आज नहीं तो कल आपकी देखा देखी यह भी शुरू कर देगा। उसे अगर इस बुराई से दूर रखना है तो आपको इसका त्याग करना चाहिये।"

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 771

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on November 19, 2018 at 2:01pm

हार्दिक आभार आदरणीय विजय निकोरे जी।

Comment by vijay nikore on November 19, 2018 at 3:41am

बेह्तरीन, कसी हुई लघु कथा के लिए हार्द्क बधाई भाई तेज वीर सिंह जी

Comment by TEJ VEER SINGH on November 16, 2018 at 9:31am

हार्दिक आभार आदरणीय डिम्पल गौड़ 'अनन्या जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on November 16, 2018 at 9:31am

हार्दिक आभार आदरणीय नीलम जी।

Comment by डिम्पल गौड़ on November 15, 2018 at 9:09pm

सार्थक संदेश प्रस्तुत करती बेहतरीन लघुकथा ।

Comment by Neelam Upadhyaya on November 15, 2018 at 4:22pm

 आदरणीय तेजवीर सिंह जी, अच्छी संदेशपरक लघुकथा की प्रस्तुति पैर हार्दिक बधाई स्वीकार करें।  

Comment by TEJ VEER SINGH on November 14, 2018 at 7:37pm

हार्दिक आभार आदरणीय राज़ नवादवी जी।

Comment by राज़ नवादवी on November 14, 2018 at 2:41pm

आदरणीय तेजवीर सिंह साहब, नमस्ते. सुन्दर लघुकथा लिखी आपने, हार्दिक बधाई स्वीकार करें. सच है, अच्छाई को परिभाषित करने का सही तरीका स्वयं अच्छा बन जाना है, आपकी कहानी से ये बात बड़े सुन्दर ढंग से व्यक्त होती है. सादर. 

Comment by राज़ नवादवी on November 14, 2018 at 2:41pm

आदरणीय तेजवीर सिंह साहब, नमस्ते. सुन्दर लघुकथा लिखी आपने, हार्दिक बधाई स्वीकार करें. सच है, अच्छाई को परिभाषित करने का सही तरीका स्वयं अच्छा बन जाना है, आपकी कहानी से ये बात बड़े सुन्दर ढंग से व्यक्त होती है. सादर. 

Comment by TEJ VEER SINGH on November 14, 2018 at 2:04pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी प्रतिक्रिया से उत्साहवर्धन हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरनीय लक्ष्मण भाई  , रिश्तों पर सार्थक दोहों की रचना के लिए बधाई "
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  भाई  , विरह पर रचे आपके दोहे अच्छे  लगे ,  रचना  के लिए आपको…"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई चेतन जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए हार्दिक धन्यवाद।  मतले के उला के बारे में…"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए आभार।"
17 hours ago
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  सरना साहब,  दोहा छंद में अच्छा विरह वर्णन किया, आपने, किन्तु  कुछ …"
20 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ.आ आ. भाई लक्ष्मण धामी मुसाफिर.आपकी ग़ज़ल के मतला का ऊला, बेबह्र है, देखिएगा !"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
Monday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service