For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरी धरोहर - लघुकथा -

मेरी धरोहर - लघुकथा -

"सुधा, मेरा सफेद कुर्ता पाजामा निकाल दो। शीघ्रता से।"

"अरे विनोद, यह क्या सुन रहा हूँ? यहाँ सब लोग दिवाली की पूजा की तैयारी में व्यस्त हैं और तुम ये क्या सफेद कपड़ों की फरमाइश कर रहे हो?"

"जी दादाजी, आपने सही सुना। मुझे मेरे दोस्त अकबर के घर जाना है। उसके अब्बू का इंतकाल हो गया है।"

"तुम्हें पता है आज इस दीपावली के शुभ अवसर पर मैं अपनी वसीयत भी बनाने वाला हूँ। अभी हमारे परिवार के वक़ील आने ही वाले हैं। हो सकता है जो उस वक्त मौजूद ना हों, उन्हें इस अमूल्य धरोहर से हाथ धोना पड़े।"

"दादाजी, आपने ही हमें बचपन से यह भी तो सिखाया है कि हर व्यक्ति की अपने परिवार के साथ साथ समाज के प्रति भी कुछ जिम्मेदारी होती है।"

"हाँ, लेकिन इतने मह्त्वपूर्ण अवसर पर अपने पारंपरिक त्यौहार को छोड़ कर तुम्हारा एक मैयत में शामिल होने जाना मुझे तर्क संगत नहीं लगता।"

"दादाजी,  त्यौहार तो हर साल ही आते रहेंगे लेकिन आज जो शख्स अपनी अंतिम यात्रा पर जा रहा है उसे सम्मान पूर्वक कंधा देकर अपने मित्र को साँत्वना देना और उसका दुख बाँटना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है।"

"अपने परिवार की खुशियों को दॉव पर लगाकर।"

"दादाजी, मेरे मित्र के घर मातम हो तो मैं कैसे खुशियाँ मना सकता हूँ।"

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 899

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 11, 2018 at 7:14pm

आदरणीय  सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' साहिब, आदाब। यह बेहतरीन लघुकथा आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब की लिखी हुई है। मेरा नाम शायद ज़ल्दबाज़ी में टाइप हुआ है। कृपया संशोधन कर लीजिएगा अपनी टिप्पणी में।

Comment by नाथ सोनांचली on November 11, 2018 at 5:10pm

आद0 शेख शहज़ाद उस्मानी साहब सादर अभिवादन। बढ़िया सन्देश देती हुई लघुकथा के लिए बधाई स्वीकार कीजिये। सादर

Comment by TEJ VEER SINGH on November 8, 2018 at 6:44pm

हार्दिक आभार आदरणीय   राज़ नवादवी साहब जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on November 8, 2018 at 6:43pm

हार्दिक आभार आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहब जी।

Comment by राज़ नवादवी on November 7, 2018 at 10:34am

आदरणीय तेज वीर साहब, आदाब. अच्छी लघु कथा हुई है, मुबारकबाद पेश करता हूँ. सादर 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on November 6, 2018 at 8:41pm

मुहतरम जनाब तेज वीर साहिब , बहुतaअच्छी लघुकथा हुई है   , मुबारकबाद क़ुबुल फरमाएं l साथ ही दीपावली बहुत बहुत मुबारक हो l

Comment by TEJ VEER SINGH on November 6, 2018 at 2:37pm

हार्दिक आभार आदरणीय नीलम जी।आपको दीपोत्सव की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ।

Comment by TEJ VEER SINGH on November 6, 2018 at 2:36pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी।आपको दीपोत्सव की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ।

Comment by TEJ VEER SINGH on November 6, 2018 at 2:35pm

हार्दिक आभार आदरणीय मिर्ज़ा जावेद बेग जी।आपको दीपोत्सव की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ।

Comment by Neelam Upadhyaya on November 6, 2018 at 1:02pm

 आदरणीय तेजवीर सिंह जी,  सामाजिक सरोकार रखती हुई बहुत ही अच्छी लघुकथा की प्रस्तुति।  हार्दिक बधाई स्वीकार करें । 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . .तकदीर
"आदरणीय अच्छे सार्थक दोहे हुए हैं , हार्दिक बधाई  आख़िरी दोहे की मात्रा फिर से गिन लीजिये …"
3 hours ago
सालिक गणवीर shared Admin's page on Facebook
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर   होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर । उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service