सन्नाटा - लघुकथा -
सोनू ने स्कूल से आते ही, स्कूल बैग पटक कर, सीधे दादा जी के कमरे का रुख किया, "दादा जी, ये ब्लफ मास्टर क्या होता है?"
दादाजी अपने दोस्तों के साथ वर्तमान राजनीति पर चर्चा में मशगूल थे।जिनमें कुछ लोकल लीडर भी थे| अतः सोनू को टालने के लिये कहा,"सोनू, अभी तुम स्कूल से आये हो। ड्रेस बदल कर कुछ खा पी लो। फिर बात करते हैं।"
"नहीं दादाजी, मुझे पहले यह जानना अधिक जरूरी है।"
"सोनू, अभी हम लोग देश के मौजूदा हालात के बारे में कुछ आवश्यक बात कर रहे हैं।"
"मेरी जानकारी भी आपकी बातचीत से जुड़ी हुई है।
"अरे वाह, वह कैसे?"
"मेरे स्कूल के कुछ लड़के अपने देश के सबसे बड़े नेता जी को ब्लफ मास्टर कहते हैं।"
"बुरी बात, देश के किसी भी बड़े नेता के लिये ऐसी भाषा का प्रयोग अभद्रता माना जाता है। उन लड़कों को उचित मार्ग दर्शन की आवश्यकता है।"
"दादाजी, बिल्कुल यही बात मैंने उनको कही थी, लेकिन।"
"लेकिन क्या ?"
"उन लोगों का कहना था कि वे नेताजी भी तो पुराने नेताओं के लिये अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हैं।"
कमरे में सन्नाटा पसर गया।
मौलिक एवम अप्रकाशित
Comment
हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी जी। आपकी विवेचनात्मक, विचारोत्तेजक एवम विश्लेषणात्मक टिप्पणियाँ सदैव ही मेरा उत्साह वर्धन एवम मार्ग दर्शन करती हैं।
हार्दिक आभार आदरणीय अजय तिवारी जी। मेरी विचारधारा को अपनी सहमति प्रदान करने हेतु पुनः आभार।
यही तो होता रहा है, वरना देश के समाज व नव पीढ़ी का चारित्रिक व सांस्कृतिक ह्रास इस हद तक न हो पाता। मीडिया ने तो फास्ट पॉइजनिंग का काम किया है बड़बोलेपन व अभद्रता के प्रचार-प्रसार में। हार्दिक बधाई इस तीखी कटाक्षपूर्ण रचना हेतु आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब।
आदरणीय तेजवीर जी, अच्छा साहित्य हमेशा सत्ता को आइना दिखता रहा है. आपने इस लघुकथा के माध्यम से यह काम बहुत प्रभावशाली ढंग से किया है. इस बेहतरीन कथा-प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई.
हार्दिक आभार आदरणीय नीलम उपाध्याय जी।
आज की राजनीती और राजनीतिज्ञों पर कटाक्ष करती बहुत ही बढ़िया लघुकथा की प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय तेजवीर सिंह जी।
हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी।आदाब। आपकी टिप्पणी का सदैव इंतज़ार रहता है क्योंकि आपकी टिप्पणी बेबाक और सटीक होती है।पुनः हार्दिक आभार।
जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,हक़ीक़त से क़रीब, उम्दा तंज़,वाह, बहुत उम्दा लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें।
हार्दिक आभार आदरणीय बबिता गुप्ता जी।
बेहतरीन रचना के माध्यम से कटाक्ष करती , कि हम भावी पीढी को किस तरह का संस्कार दे रहे है।हार्दिक बधाई, आदरणीय तेजवीर सरजी।
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