For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सन्नाटा  -  लघुकथा  -

सन्नाटा  -  लघुकथा  - 

सोनू ने स्कूल से आते ही, स्कूल बैग  पटक कर, सीधे दादा जी के कमरे का रुख किया, "दादा जी, ये ब्लफ मास्टर क्या होता है?"

 दादाजी अपने दोस्तों के साथ वर्तमान राजनीति पर चर्चा में मशगूल थे।जिनमें कुछ लोकल लीडर भी थे| अतः सोनू को टालने के लिये कहा,"सोनू, अभी तुम स्कूल से आये हो। ड्रेस बदल कर कुछ खा पी लो। फिर बात करते हैं।"

"नहीं दादाजी, मुझे पहले यह जानना अधिक जरूरी है।"

"सोनू, अभी हम लोग देश के मौजूदा हालात के बारे में कुछ आवश्यक बात कर रहे हैं।"

"मेरी जानकारी भी आपकी बातचीत से जुड़ी हुई है।

"अरे वाह, वह कैसे?"

"मेरे स्कूल के कुछ लड़के अपने देश के सबसे बड़े नेता जी को ब्लफ मास्टर कहते हैं।"

"बुरी बात, देश के किसी भी बड़े नेता के लिये ऐसी भाषा का प्रयोग अभद्रता माना जाता है। उन लड़कों को उचित मार्ग दर्शन की आवश्यकता है।"

"दादाजी, बिल्कुल यही बात मैंने उनको कही थी, लेकिन।"

"लेकिन क्या ?"

"उन लोगों का कहना था कि वे नेताजी भी तो पुराने नेताओं के लिये अभद्र  शब्दों का प्रयोग करते हैं।"

 कमरे में  सन्नाटा पसर गया।

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 778

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on November 23, 2018 at 11:27am

हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी जी। आपकी विवेचनात्मक, विचारोत्तेजक एवम विश्लेषणात्मक टिप्पणियाँ सदैव ही मेरा उत्साह वर्धन एवम मार्ग दर्शन करती हैं।

Comment by TEJ VEER SINGH on November 23, 2018 at 11:23am

हार्दिक आभार आदरणीय अजय तिवारी जी। मेरी विचारधारा को अपनी सहमति प्रदान करने हेतु पुनः आभार।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 22, 2018 at 9:08pm

यही तो होता रहा है, वरना देश के समाज व नव पीढ़ी का चारित्रिक व सांस्कृतिक ह्रास इस हद तक न हो पाता। मीडिया ने तो फास्ट पॉइजनिंग का काम किया है बड़बोलेपन व अभद्रता के प्रचार-प्रसार में। हार्दिक बधाई इस तीखी कटाक्षपूर्ण रचना हेतु आदरणीय तेजवीर सिंह   साहिब।

Comment by Ajay Tiwari on November 22, 2018 at 8:01pm

आदरणीय तेजवीर जी, अच्छा साहित्य हमेशा सत्ता को आइना दिखता रहा है. आपने इस लघुकथा के माध्यम से यह काम बहुत प्रभावशाली ढंग से किया है. इस बेहतरीन कथा-प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई.  

Comment by TEJ VEER SINGH on November 22, 2018 at 1:38pm

हार्दिक आभार आदरणीय नीलम उपाध्याय जी।

Comment by Neelam Upadhyaya on November 22, 2018 at 12:41pm

आज की  राजनीती और राजनीतिज्ञों पर कटाक्ष करती बहुत ही बढ़िया लघुकथा की प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय तेजवीर सिंह जी। 

Comment by TEJ VEER SINGH on November 22, 2018 at 10:02am

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी।आदाब। आपकी टिप्पणी का सदैव इंतज़ार रहता है क्योंकि आपकी टिप्पणी बेबाक और सटीक होती है।पुनः हार्दिक आभार।

Comment by Samar kabeer on November 21, 2018 at 10:17pm

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,हक़ीक़त से क़रीब, उम्दा तंज़,वाह, बहुत उम्दा लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें।

Comment by TEJ VEER SINGH on November 21, 2018 at 6:43pm

हार्दिक आभार आदरणीय बबिता गुप्ता जी।

Comment by babitagupta on November 21, 2018 at 4:11pm

बेहतरीन रचना के माध्यम से कटाक्ष करती , कि हम भावी पीढी को किस तरह का संस्कार दे रहे है।हार्दिक बधाई, आदरणीय तेजवीर सरजी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
21 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
yesterday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
yesterday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
yesterday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service