For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दूरदृष्टि - लघुकथा

'दूरदृष्टि'

"बच्चा ऑपरेशन से ही होगा, और कोई ऑप्शन नहीं है। यही कहा था न आपने! क्या सिर्फ कुछ ज्यादा रुपयों के चक्कर में?" उसकी आवाज में झलकता आवेश सहज ही महसूस हो रहा था। बीती रात ही डॉ. कामना ने नर्सिंग होम में भर्ती हुई कावेरी को उसकी नाजुक हालत के देखते ऑपरेशन की सलाह दी थी। लेकिन किसी आपात स्थिति के चलते उसे ख़ुद अपना चार्ज डॉ.अनु को देकर जाना पड़ा था। और अनु के चार्ज में बिना ऑपरेशन के ही सामान्य डिलीवरी का होना ही उसके आवेश में आने की के लिये पर्याप्त था। "देखिये, ये कोई बड़ी बात नहीं हैं। अक्सर कुछ केस में ऐसा हो जाता है। आप को तो ईश्वर का धन्यवाद करना चाहिए कि बिना किसी बड़ी परेशानी के सब ठीक हो गया।" उसने कावेरी को तो समझा-बुझाकर शांत कर दिया, लेकिन वह ख़ुद शांत नहीं हो सकी। हैरान थी कि आखिर अनु ने ऐसा क्या किया जो इतने जटिल केस में भी प्रसव सामान्य ढंग से हो गया और जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ्य भी रहे। उत्सुकतावश उसने केस फ़ाइल उठाकर रिपोर्ट पढ़नी शुरू कर दी। रिपोर्ट पढ़ते-पढ़ते अनायास ही उसकी आँखें चमक उठी। "गुड मॉर्निंग....., सॉरी मैम!" उसके हाथों में केस फ़ाइल देखकर सामने आ खड़ी अनु के मुख से दोनों शब्द एक साथ ही निकले। "अनु, क्या तुम्हें फैसला लेने से पहले मुझे इन्फॉर्म नहीं करना चाहिए था?" उसका स्वर गंभीर था। "जी मैम, 'वाटर थेरेपी' और लेबर रूम में कावेरी के पति की एंट्री के लिये मुझे आप को जरूर बताना चाहिए था लेकिन समय.....!" "अनु!" उसने उसकी बात काट दी थी। तुम्हें पता हैं, 'बर्थ कम्‍पेनियन' और 'हाइड्रोथेरेपी' ऐसे कन्सेप्ट है जो अभी हमारे समाज में मान्य नहीं हैं। अगर कुछ अनहोनी हो जाती तो?" "मैम आपने ही सिखाया है कि आत्मविश्वास और दूरदृष्टि भी हमारे प्रोफेशन के सबसे महत्वपूर्ण औजार है जो पेशेंट को जीवन दे सकते है। फिर भी यदि आप सहमत नहीं है तो 'इन फ़्यूचर' मैं दोबारा ये काम.....!" "नहीं! अब ये काम तुम्हें आगे भी करना होगा, क्योंकि मैं आज से ही अपने नसिंग होम में ये कन्सेप्ट लागू करने जा रही हूं।" कहते हुये डॉ कामना ने मुस्करा आशीर्वाद भरा हाथ अनु के सिर पर रख दिया।

(मौलिक व अप्रसारित) विरेंदर 'वीर' मेहता

Views: 491

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rachna Bhatia on April 6, 2022 at 9:49pm

आदरणीय वीरेंद्र वीर मेहता जी बहुत ही सुन्दर लघुकथा लिखी। बधाई स्वीकार करें।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on December 14, 2018 at 6:45am

सकारात्मकता लिए बेहतरीन समापन के साथ बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय वीरेंद्र वीर मेहता साहिब। इसे किसी दूसरे तरीक़े (केवल संवादात्मक आदि) से भी लिख कर देखा जा सकता है मेरे विचार से।

Comment by PHOOL SINGH on December 13, 2018 at 2:45pm

बहुत ही सुंदर रचना है बधाई स्वीकारें

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 13, 2018 at 12:35pm

आ. भाई वीरेंद्र जी अच्छी कथा हुयी है । हार्दिक बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"इस बार के तरही मिसरे को लेकर एम प्रश्न यह आया कि ग़ज़ल के मत्ले को देखें तो क़ाफ़िया…"
58 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति औल स्ने के लिए आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। 6 शेर के लिए आपका सुझाव अच्छा…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. प्राची बहन, सादर अभिवादन।गजल आपको अच्छी लगी, लेखन सफल हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"2122 2122 2122 212 **** रात से मिलने को  दिन  तो यार ढलना चाहिए खुशनुमा हो चाँद को फिर से…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"वाह वाह  आदरणीय, आपकी प्रस्तुति पर पुन: आता हूँ।  करूँगा मैं चर्चा सबुर आप…"
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"वाह वाह  आदरणीय, आपकी इस प्रस्तुति पर पुन: आऊँगा।  शुभातिशुभ"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। बहुत खूबसूरत गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया

पलभर में धनवान हों, लगी हुई यह दौड़ ।युवा मकड़ के जाल में, घुसें समझ कर सौड़ ।घुसें समझ कर सौड़ ,…See More
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   वाह ! प्रदत्त चित्र के माध्यम से आपने बारिश के मौसम में हर एक के लिए उपयोगी छाते पर…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत कुण्डलिया छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, कुण्डलिया छंद पर आपका अच्छा प्रयास हुआ है किन्तु  दोहे वाले…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service