For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

1-
ख़ातूनों का हो गया, खत्म एक संत्रास।
चर्चित तीन तलाक का, हुआ विधेयक पास।।
हुआ विधेयक पास, सभी मिल खुशी मनाएँ।
अब होंगी भयमुक्त, सभी मुस्लिम महिलाएँ।।
बीती काली रात्रि, चाँद निकला पूनों का।
बढ़ा आत्मविश्वास, आज से ख़ातूनों का।।
2-
तीस जुलाई ने रचा, एक नया इतिहास।
मुद्दा तीन तलाक पर, हुआ विधेयक पास।।
हुआ विधेयक पास, साँस लेगी अब नारी।
कहकर तीन तलाक, जुल्म होते थे भारी।।
ख़ातूनों ने आज, विजय खुद लड़कर पाई।
दो हजार उन्नीस, दिवस है तीस जुलाई।।
3-
होगा तीन तलाक अब, दण्डनीय अपराध।
ख़ातूनों की हो गईं, मन की पूरी साध।।
मन की पूरी साध, उठाया था जो बीड़ा।
दुर्दिन हुए समाप्त, अभी तक भोगी पीड़ा।।
सहकर जो अन्याय, कष्ट नारी ने भोगा।
वह काला अध्याय, सिर्फ किस्सों में होगा।।
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
**हरिओम श्रीवास्तव**

Views: 580

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hariom Shrivastava on September 19, 2019 at 7:38am

हार्दिक आभार आदरणीय सी.एम.उपाध्याय जी।

Comment by Hariom Shrivastava on September 19, 2019 at 7:37am

हार्दिक आभार आदरणीय समर कबीर साहब।

Comment by Samar kabeer on August 4, 2019 at 10:57am

भाई हरिओम श्रीवास्तव जी आदाब, आप तस्वीर का एक ही रुख़ देख रहे हैं,इस विधेयक ने मुसलमानों को दुख पहुंचाया है,और जो अधिकार उन्हें संविधान ने दिया है उसे ज़बरदस्ती छीना गया है ।

Comment by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on August 3, 2019 at 10:34pm

 Hariom Shrivastava जी,
आपने विशेष विषयान्तर्गत बहुत बढ़िया कुण्डलिया छन्द लिखे हैं | व्याकरण की दृष्टि से भी बहुत सुन्दर हैं |  हार्दिक बधाई | 

- शून्य आकांक्षी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post भादों की बारिश
"यह लघु कविता नहींहै। हाँ, क्षणिका हो सकती थी, जो नहीं हो पाई !"
3 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

भादों की बारिश

भादों की बारिश(लघु कविता)***************लाँघ कर पर्वतमालाएं पार करसागर की सर्पीली लहरेंमैदानों में…See More
15 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान ।मुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।। छोटी-छोटी बात पर, होने लगे…See More
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
19 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service