ले बाहों में सोऊँगी ....
सावन की बरसात को
प्रथम मिलन की रात को
धड़कते हुए जज़्बात को
संवादों के अनुवाद को
ले बाहों में सोऊँगी
अस्तित्व अपना खोऊँगी
अपनी प्रेम कहानी को
भीगी हुई जवानी को
बारिश की रवानी को
नैन तृषा दिवानी को
ले बाहों में सोऊँगी
अस्तित्व अपना खोऊँगी
उस नशीली रात को
उल्फ़त की बरसात को
अजनबी मुलाक़ात को
हाथों में थामे हाथ को
ले बाहों में सोऊँगी
अस्तित्व अपना खोऊँगी
भीगे पलों की बात को
अधरों की सौगात को
नशे में बहकी रात को
तन छूती बरसात को
ले बाहों में सोऊँगी
अस्तित्व अपना खोऊँगी
हवा में उड़ते छातों को
सपनों की बरसातों को
आहट वाली रातों को
भुजबंध वाली बातों को
ले बाहों में सोऊँगी
अस्तित्व अपना खोऊँगी
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi"जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया का दिल से आभार।
Sushil Sarna जी,
सुन्दर रचना |
आदरणीय Samar kabeer जी सृजन पर आपकी आत्मीय प्रशंसा से सृजन उपकृत हुआ , हार्दिक आभार।
जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online