For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

‘छी: कितने गंदे, कुत्सित और बदबूदार हो तुम I तुम्हें देखकर घिन आती है I’ नदी ने मुंह बनाते हुए नाले से कहा I

‘बुरा न मानना दीदी आजकल तुम्हारी दशा भी मुझसे अच्छी नहीं है I’ नाले ने मुस्कराते हए जवाब दिया I

(मौलिक ?अप्रकाशित )

Views: 746

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 17, 2019 at 11:34am

आ० विनय जी , सादर आभार 

Comment by विनय कुमार on August 16, 2019 at 3:42pm

वाह, न्यूनतम शब्दों में अधिकतम कहती रचना, बहुत बहुत बधाई आपको आ डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव साहब

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 16, 2019 at 1:53pm

आ० समर कबीर साहब , धन्यवाद सर I 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 16, 2019 at 1:52pm

अग्रज निकोर जी , आशर्वाद हेतु आभारी हूँ I  सादर I 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 16, 2019 at 1:50pm

आओ तेजवीर सिंह साहब , अनुग्रहीत हुआ I 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 16, 2019 at 1:49pm

आ० सुशील सरना जी , सादर आभार I 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 16, 2019 at 1:49pm

आ० शेख  शहजाद उस्मानी साहब , बहुत बहुत शुक्रिया I 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 16, 2019 at 1:48pm

आ० विजय सर, आभार 

Comment by Samar kabeer on August 16, 2019 at 11:34am

जनाब डॉ. गोपाल नारायण जी आदाब,बहुत उम्द: लघुकथा लिखी आपने,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by vijay nikore on August 14, 2019 at 1:33pm

 इतने कम शब्दों में  कमाल की लघुकथा लिखी है। हार्दिक बधाई, आदरणीय गोपाल नारायन जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
18 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service