चहेरे पर मुस्कान को रख
कुछ नया करने की चाहत रख
स्वयं पर दृढ़ विश्वास को रख
आगे बढ़ बस आगे बढ़ता चल ||
सहयोग बलिदान की भावना रख
जिम्मेदारियों ना तू डर
टीम वर्क पर विश्वास जता
हौंसले संग तू आगे बढ़ ||
नामुमकिन कुछ नहीं है जग में
मन में थोड़ा धैर्य रख
असफलताओ से सीख ले
मुकाम को अपने हासिल कर ||
कहने वाले कहते हैं
उनकी बातों पर ध्यान ना धर
कठिन पर अडचने आती
जीवन के इस मंत्र को पढ़ ||
कर्तव्य पथ कदम बढ़ा
निश्चित अपना लक्ष्य कर
लग्न से कड़ी तू मेहनत कर
लक्ष्य अपना फतेह तो कर ||
"मौलिक व अप्रकाशित"
Comment
कबीर सर, मेरी रचनाओ को आपकी टिप्पणी का सदा इंतज़ार रहता इसके लिए मै बहुत शुक्र गुज़र हूँ
जनाब फूल सिंह जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,बधाई स्वीकार करें ।
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