For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अहसास की ग़ज़ल-मनोज अहसास

221  2121  1221  212

उस बेमिसाल दौर का दिल से मलाल कर
जब फैसले हो जाते थे सिक्का उछाल कर

तेरे ख्याल में हूं तू मेरा ख्याल कर
मैं तेरी जिंदगी हूं मेरी देखभाल कर

वो दे रहा है देर से पानी उबालकर
हँस हँस के पी रहे हैं सभी ढाल ढाल कर

उसमें कमी न ढूंढ न कोई सवाल कर
तू भी सलाम कर कोई जुमला उछाल कर

है तीरगी जो अपना मुकद्दर तो क्या हुआ
इल्मों अदब से सारे जहां में जलाल कर *

यह हादसा तो जिंदगी की आम बात है
बूढ़े सभी हो जाते हैं बच्चों को पाल कर

आराम आ गया तो भुला सकता हूं तुझे
कैसे भी कर मगर मेरा जीना मुहाल कर

कोई भी वक्त एक सा रहता नहीं कभी
अपने खुदा की राह में खुद को जमाल कर **

तेरे वजूद में ही तो खिदमत का दम नहीं
यादों में उसकी डूबकर आंखें तो लाल कर

वाकिफ तेरे निजाम से मैं कितना भी नहीं
कैसे कहूं मेरे खुदा कोई कमाल कर

गिनती कभी रईसों में होगी मेरी जरूर
रक्खे हैं तेरे खत कई अब तक संभाल कर

तू खूबियों में डूब कर तनकीद को न भूल
जब पद बड़ा मिला है तो दिल भी विशाल कर

तेरी सदा से आह से वो दूर है बहुत
'अहसास' रख दे चाहे कलेजा निकालकर

* तेज प्रकाश। ** सुंदर

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 585

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on January 29, 2020 at 2:35pm

//इस शेयर में मैंने जलाल का अर्थ तेज प्रकाश लिया है यह मैंने एक शब्दकोश में पढ़ा था बाकी आप बताने की कृपा करें//

"जलाल" का अर्थ होता है,ये अरबी भाषा का शब्द है,अर्थ,बुज़ुर्गी, अज़मत,बड़ाई, ग़ुस्सा, शान-ओ-शौकत,जोश ।

'इल्मों अदब से सारे जहां में जलाल कर'

इस मिसरे में रदीफ़ के साथ इसका वाक्य विन्यास भी ठीक नहीं ।

'अपने खुदा की राह में खुद को जमाल कर'

'जमाल' अरबी भाषा का शब्द है,इसका अर्थ है,हुस्न,जोबन,रूप,ख़ूबसूरती ।

अब इन अर्थों के साथ आप ख़ुद ग़ौर करें ।

Comment by मनोज अहसास on January 28, 2020 at 4:51pm

आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमस्कार इस शेयर में मैंने जलाल का अर्थ तेज प्रकाश लिया है यह मैंने एक शब्दकोश में पढ़ा था बाकी आप बताने की कृपा करें मैंने आप को फोन भी किया था पर आपका फोन स्विच ऑफ आ रहा है जमाल वाले शेर के बारे में आपसे फोन पर ही बात करूंगा आशीर्वाद बनाए रखें आपके बिना हमारी गजलें अधूरी हैं

Comment by मनोज अहसास on January 28, 2020 at 4:50pm

आदरणीय रवि भसीन शाहिद साहब आपका बहुत-बहुत शुक्रिया दरअसल जो बातें आपने बताई हैं वह बातें समर कबीर साहब मुझे बहुत बार बता चुके हैं पर क्योंकि मैं उर्दू जानता नहीं हूं इसलिए इन बातों का पालन करने से चूक जाता हूं आगे से पूरा पूरा ध्यान रखूंगा साथ रहने के लिए शुक्रिया

Comment by Samar kabeer on January 28, 2020 at 4:00pm

जनाब मनोज अहसास जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।

'इल्मों अदब से सारे जहां में जलाल कर'

इस मिसरे में 'इल्मों' को "इल्म-ओ-लिखें,और सानी में 'जलाल' का क्या अर्थ लिया है,बताने का कष्ट करें ।

'अपने खुदा की राह में खुद को जमाल कर'

इस मिसरे में क़ाफ़िया भर्ती का है ।

आपको जो बातें आज जनाब रवि भसीन 'शाहिद' जी ने विस्तार से बताई हैं,वो मैं आपको कई बार बता चुका हूँ, उनकी बातों का संज्ञान लें ।

Comment by रवि भसीन 'शाहिद' on January 22, 2020 at 8:39pm

मनोज भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है, आपको बधाई। ग़ज़ल बहर में है, लेकिन अगर आप नुक़्ते का भी इस्तेमाल करें तो spelling भी ठीक हो जाएंगे। 

फैसले = phaisle

फ़ैसले = faisle

जिंदगी = jindagee

ज़िंदगी = zindagee

मुकद्दर = mukaddar 

मुक़द्दर = muqaddar

निजाम = nijaam

निज़ाम = nizaam

इनके इलावा ख़्याल, ख़ुद, ख़ुदा, ख़िदमत, ख़त, ख़ूबी - ये सारे लफ़्ज़ों में 'ख' के नीचे नुक़्ता (.) लगाया जाना चाहिए, क्यूंकि ये उर्दू में 'ख़े = خ' से लिखे जाते हैं, न कि 'ख = کھ' से

मैं ये बातें आपको इसलिए बता रहा हूँ क्यूंकि मुझे ये स्कूल में या कॉलेज में किसी ने नहीं बताई थीं। फिर जब उर्दू सीखी तो ये सब समझ आना शुरू हुआ। देखिये नुक़्ते से हर्फ़ की आवाज़ कैसे बदल जाती है:

क = कौन

क़ = क़ौम (guttural sound, produced in the back of the throat)

ख = खाना

ख़ = ख़ाना (जैसे कि 'मैख़ाना', guttural sound, produced in the back of the throat)

ग = गाल

ग़ = ग़ालिब (guttural sound, produced in the back of the throat)

फ = फूल ('ph' sound)

फ़ = फ़ायदा ('f' sound)

ज = जग ('j' sound)

ज़ = ज़हर ('z' sound)

आशा करता हूँ मैं आपको कुछ लाभ पहुंचा सका। शुभ कामनाएं।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
5 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
5 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
5 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
5 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति के लिए ।"
5 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छन्द पर उपस्तिथि और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ…"
5 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" आदरणीय अखिलेश जी छन्द पर उपस्तिथि उत्साहर्धन और मार्गदर्शन के लिए आपका हार्दिक आभार। दीपोत्सव…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुति में जिन चिह्नों से युग्मकों को अलग किया गया है उन्हें हटा दिया…"
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service