For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

550 वीं रचना मंच को सादर समर्पित : सावनी दोहे :

गौर वर्ण पर नाचती, सावन की बौछार।
श्वेत वसन से झाँकता, रूप अनूप अपार।। १

चम चम चमके दामिनी, मेघ मचाएं शोर।
देख पिया को सामने, मन में नाचे मोर।।२

छल छल छलके नैन से, यादों की बरसात।
सावन की हर बूँद दे, अंतस को आघात।।३

सावन में प्यारी लगे, साजन की मनुहार।
बौछारों में हो गई, इन्कारों की हार।। ४

कोरे मन पर लिख गईं, बौछारें इतिहास।
यौवन में आता सदा, सावन बनकर प्यास।।५

भावों की नावें चलीं, अंतस उपजा प्यार।
बौछारों ने देह पर, रचा नृत्य संसार।। ६

कहीं गीत है प्रीत का, कहीं मधुर संगीत।
सावन में अच्छा नहीं, रूठे रहना मीत।। ७

श्याम रंग के मेघ का, श्यामल श्यामल वेश।
केश खोल विचरण करे, गौरी अंबर देश।। ८

मेघों ने गागर भरी, सागर से कल रात।
ठुमक -ठुमक अंबर चले, करने को बरसात।।९

टप टप टपके झोंपड़ी, बुरी लगे बरसात।
जलते ही चूल्हा बुझा, कटी जागते रात।।१०

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 597

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on April 11, 2021 at 12:34pm

आदरणीय  Dr Ashutosh Mishra  जी सृजन को मान देने का दिल से आभार। विलम्ब के लिए क्षमा।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on March 28, 2021 at 6:08pm

आदरणीय सुशील जी। बहुत मनभावन दोहों के लिए तहे दिल बधाई सादर। हिली की शुभकामनॉए 

Comment by Sushil Sarna on August 11, 2020 at 5:57pm
आदरणीय Samar kabeer'जी सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से आभार। आदरणीय कम्प्यूटर ठीक न होने के कारण प्रत्युतर में विलम्ब हुआ, दिल से क्षमा चाहूँगा।
Comment by Samar kabeer on July 4, 2020 at 12:21pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब, आपको 550 वीं रचना की हार्दिक बधाई ।

अच्छे दोहे रचे आपने,बधाई स्वीकार करें ।

 पारिवारिक कारणों से कुछ समय ओबीओ पर हाज़िर नहीं हो सकूँगा,सिर्फ़ तरही मुशाइर: में हाज़िरी हो सकैगी, मेरी कहीं ज़रूरत महसूस हो तो फ़ोन पर सम्पर्क कर सकते हैं ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service