For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जब कभी भी आजमाया जायेगा  

आदमी औकात पर आ जायेगा

शख्सियत औ कद बड़ा जिस का मिला 

वो यकीनन बुत बनाया जायेगा 

क़ैद कर मेरी सहर की रोशनी 

भोर का तारा दिखाया जायेगा 

जिद पे गर बच्चा कोई आ ही गया 

चाँद थाली में सजाया जायेगा 

गर वो वादों पर यकीं करने लगे 

उस से रोज़ी पर न जाया जायेगा 

फ़र्ज़दारी का सिला जो दे चुके

कत्लगाहों में बसाया जायेगा

ये जहां तो इक मुसलसल मांग है

इक खुदा से कब निभाया जायेगा  

Views: 536

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Brij bhushan choubey on January 24, 2012 at 4:47pm

जब कभी भी आजमाया जायेगा  

आदमी औकात पर आ जायेगाvah kaya bat .....

शख्सियत औ कद बड़ा जिस का मिला 

वो यकीनन बुत बनाया जायेगा  ..lajvab ek sandar gajl 

Comment by ASHVANI KUMAR SHARMA on January 24, 2012 at 4:39pm

shukriya vinas keshari ji ,saurabh pandey sahab ,arun kumar pandey sahab

Comment by वीनस केसरी on December 11, 2011 at 11:23pm

यदि मिसरा-सानी में अलोत ’उनको’ शब्द ’दीख’ जाय. जो कि वास्तव में है.

और स्पष्ट करें


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 11, 2011 at 11:11pm

अश्विनी कुमार जी,  इस ग़ज़ल पर बधाई कुबूल करें.

वीनस जी, उक्त शे’र में वचन दोष नहीं है.  यदि मिसरा-सानी में अलोत ’उनको’ शब्द ’दीख’ जाय. जो कि वास्तव में है.

धन्यवाद.

Comment by वीनस केसरी on December 11, 2011 at 3:57pm

वाह वा अश्वनी जी
खूब शेर कहे हैं... ढेरों दाद कबूल करमायें

क़ैद कर मेरी सहर की रोशनी 

भोर का तारा दिखाया जायेगा

क्या कहने



फ़र्ज़दारी का सिला जो दे चुके

कत्लगाहों में बसाया जायेगा

इस शेर में मुझे वचन दोष लग रहा है ...एक बार फिर से देख लें

सादर

Comment by ASHVANI KUMAR SHARMA on December 11, 2011 at 1:39am

abhaar arun pandey sahab 

Comment by Abhinav Arun on December 9, 2011 at 7:09am
Vartmaan sandarbhon ko rekhankit karti is sashakt Ghazal hetu Hardik badhai Ashvani ji

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सुरेद्र इन्सान जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई।  मतला प्रभावी हुआ है. अलबत्ता,…"
43 minutes ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ जी आपके ज्ञान प्रकाश से मेरा सृजन समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी"
16 hours ago
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
20 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 182 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का…See More
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

२२ २२ २२ २२  आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा  का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना…See More
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"सुझावों को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुशील सरना जी.  पहला पद अब सच में बेहतर हो…"
21 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
yesterday
Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"एकदम अलग अंदाज़ में धामी सर कमाल की रचना हुई है बहुत ख़ूब बधाई बस महल को तिजोरी रहा खोल सिक्के लाइन…"
yesterday
surender insan posted a blog post

जो समझता रहा कि है रब वो।

2122 1212 221देख लो महज़ ख़ाक है अब वो। जो समझता रहा कि है रब वो।।2हो जरूरत तो खोलता लब वो। बात करता…See More
yesterday
surender insan commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। अलग ही रदीफ़ पर शानदार मतले के साथ बेहतरीन गजल हुई है।  बधाई…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान देने तथा अपने अमूल्य सुझाव से मार्गदर्शन के लिए हार्दिक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"गंगा-स्नान की मूल अवधारणा को सस्वर करती कुण्डलिया छंद में निबद्ध रचना के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service