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                               ग़ज़ल



आ  जाओ  हमारी  बांहों  में,   कुछ   प्यार   मोहब्बत   हो  जाये |
ये    प्यार   इबादत   होता   है,  आओ   ये   इबादत  हो   जाये ||


दुनिया  से  भला  क्या   घबराना, जलता  है  कोई  तो  जलने  दो.
आ  जाओ  मिला  लें  दिल  से दिल,  दुनिया से बगावत हो जाये ||


सम्भोग  शब्द  का  मतलब  है-  एक  सुख से हम-तुम जुड़ जाएँ,
ये  समझ  सके  इन्सान  अगर,   हर  दुःख से  सलामत हो जाये ||


हमको  -  तुमको  मिलकर  धारा  बनकर  सागर  से  मिलना है,
दुनिया  अपनी  आगोश  में  हो,   है  गर  ये  क़यामत  हो  जाये ||


सुख की खातिर हमने अब तक बेचा सब कुछ पर सुख न मिला,
अब   प्यार   के  मोती  के  बदले  में प्यार,  तिजारत   हो  जाये ||


बांधो  न  हमें  अब  बंधन  में,  बहने  दो  प्यार  के  सागर  को,
ये  प्यार  हमारा  धड़कन  बन,  हर  दिल  में  अमानत  हो  जाये ||

                                            
     रचनाकार - अभय दीपराज

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Comment by Bhasker Agrawal on December 13, 2010 at 3:59pm

सम्भोग शब्द का मतलब है, एक सुख से हम-तुम जुड़ जाएँ,
ये समझ सके इन्सान अगर, हर दुःख से सलामत हो जाये ||

 

कमाल की बात कही आपने ... बधाई

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