Yaron ne ruswa kiya, Ishk ne gham diya, Imtihanon ne toh kahin ka na chhoda,
tab khuda tera khayal aya , ab teri inayat karta hun mai , ab tujhse guzarish karta hu main, yaron ne toh choda hai , par tune kisko chhoda hai, ab meri fariyad sun le tu, ab beda paar kar de tu, jo beet gaya sab bhul chuka , fir se bigdi bana de tu, ek naya ujala la de tu is duniya se tha har gaya par fir se mujhe utha le tu.
na kabhi gujare hain maikhanon se, na kabhi jam ko muh lagaya haii
har taraf shadiyon ki shehnai gunj rahi hai, har taraf khushiyon ki mehfil saj rhi hai, kitni khush hai yeh duniya, kyu par mere dil ko barsat ,dard o gham ki bheega rahi hai, Aii khuda mana khushiyan nhi de sakta mujhe lekin gham ke samandar me khushi ki ek kashti toh de hi sakta hai
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