For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लगन - डॉo विजय शंकर

लगभग पचास वर्ष पूर्व जब मैं बहुत छोटा था , प्रायः दीवारों पर लिखा एक विज्ञापन पढ़ा करता था , " न मच्छर रहेगा , न मलेरिया रहेगा , डी डी टी छिड़किये , मच्छरों को दूर भगाइए " .
पता नहीं क्या हुआ , कुछ समय बाद , दीवारों का विज्ञापन बदल गया , कुछ यूँ हो गया , " मच्छर रहेगा पर मलेरिया नहीं रहेगा " .
कुछ समय और बीता , दीवार के विज्ञापनों की श्रृंखला में , मच्छरों , मलेरिया ग्रस्त रोगी के चित्र , कुनैन जैसी दवाओं के साथ मलेरिया के लक्षण और उपचार कराने और मलेरिया से लड़ने के बड़े-बड़े सचित्र विज्ञापन दिखने और पढ़ने को मिलने लगे . एक समय वह भी आया जब मलेरिया की तेज दवा मेटाकॉफिन का नाम आम सामान्य ज्ञान की जानकारी हो गया था , जब कि उसके प्रयोग में ख़तरा भी बहुत होता था .
फिर काफी समय तक मच्छर भी था , मलेरिया भी था , मलेरिया का इलाज भी था .
आज वह सब है और साथ में डेंगू भी है .
लगन देखिये , प्रयास जारी है , वैसे ही .

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 419

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Shubhranshu Pandey on October 28, 2014 at 11:37am

सुना है मच्छडो़ ने T-REX  को काटा था. लेकिन अब वो नहीं हैं. उसके बाद मैमथ को काटा उनका अस्तित्व समाप्त हो गया.

अब वो इन्सानों को काट रहे हैं. भगवान मालिक है इन्सानों का...

सुन्दर विचार.

सादर.

Comment by Dr. Vijai Shanker on October 13, 2014 at 9:46pm
प्रिय जीतेन्द्र जी , कथा को स्वीकार करने एवं आपकी बधाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 12, 2014 at 11:57pm

आज का इंसान अपने ताने-बाने में अधिक परेशान है. अति संवेदनशीलता को गले लगाते हुए अपनी प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे कम कर बैठा है. मच्छरों की ताकत वहीँ की वहीँ है शायद इसलिए विज्ञापनों ने दीवारों पर ज्यादा स्थान घेरना शुरू कर दिया है. बहुत-बहुत बधाई आपको आदरणीय डा.विजय जी, इस महीन सी सच्चाई को साझा करने पर

Comment by Dr. Vijai Shanker on October 12, 2014 at 7:16pm

बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय सोमेश जी , आपकी पारखी नज़र ने सही पकड़ लिया। निवेदन यह भी है कि नुक्सान आदमी को अधिक हो रहा है , प्रयास उसका सफल नहीं हो रहा है, मच्छर ने मलेरिया से डेंगूं में तरक्की कर ली है। देखिये कब तक , कहाँ तक चलती है यह अस्तित्व की लड़ाई ?
आपकी विवेचना के लिए सादर धन्यवाद।

Comment by somesh kumar on October 12, 2014 at 6:27pm

ये अस्त्तित्व की लड़ाई है |मच्छर और इंसान दोनों भिड़े है एक-दुसरे को ताकतवर सिद्ध करने में |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service