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सुन्दर कटाक्ष ! सुन्दर प्रस्तुति। हार्दिक बधाई, आदरणीय विजय जी।
टी आर पी का खेल मूर्खों को विद्वानों पर भारी सिद्ध कर देता है I आदरणीय बहुत अच्छा कटाक्ष I
बहुत खूब ,आदरणीय डा.विजय जी. आदरणीय गिरिराज जी की प्रतिक्रिया //आये दिन ये प्रायोजित बहस सुनना -देखना पड़ता है , जिसका कभी किसी पर असर होते नही दीखता , और न ही ऐँकर का उद्देश्य सच जानना ही होता है// से पूर्ण सहमती है . बहुत-बहुत बधाई आपको इस कटाक्ष पर
आ0 विजय भाई जी, इस सर्वश्रेष्ठ रचना के लिये हार्दिक बधाई. सादर
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