For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

OBO लाइव तरही मुशायरा-७ की सारी गज़लें एक साथ

Views: 1478

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रवि बेक on February 18, 2011 at 6:45pm
जय भारत!
मन प्रशन्न हो गया। धन्यवाद।
आप जैसे लोगोँ को ही इस देश को सख्त जरूरत है
आपने सभी को एक साथ एक जगह मिलाया है उसे तरह हमारे देश को भी एक सूत्र मेँ बांधना है।
Comment by nemichandpuniyachandan on January 31, 2011 at 11:37am
Marvellous, Shree Ranapratapsinghji,Mushayara-7Ki sari Gazalen Ek sath,this is a very costly present,many thanks.
Comment by nemichandpuniyachandan on January 31, 2011 at 11:16am
Marvellous,shree RanapratapSinghJi,Mushayara-7 ki saari Gazalen Ek Saath,This is a Very Costly Present.many thanks.
Comment by Abhinav Arun on January 30, 2011 at 7:40pm
वाह राणा जी क्या खूबसूरत कलेवर में परोसा है आपने तरही -०७ को | बधाई  ही बधाई हम सब की ओर से |आपके परिश्रम को साधुवाद | ओ.बी.ओ. निश्चित ही अपने विकास के पथपर अग्रसर है |
Comment by वीनस केसरी on January 29, 2011 at 9:59pm

जय हो,

दिल खुश कर दित्ता 

Comment by nemichandpuniyachandan on January 29, 2011 at 9:22pm
shree,ranapratap singh ji,namaskar,Aap Dawara Housala-afzai ke liye Dhanywad

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 29, 2011 at 8:53pm
राणा जी बहुत बहुत धन्यवाद, सभी ग़ज़लों को एक जगह और इस खूबसूरती से आपने प्रस्तुत किया है कि दिल से वाह वाह निकल रहा है |
Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on January 29, 2011 at 6:10pm
वाह वाह वाह राणा भाई। सारी ग़ज़लें एक साथ मिल गईं मजा आ गया। जो कुछ छूट गया था वह भी पढ़ लिया। बहुत बहुत धन्यवाद

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

देवता चिल्लाने लगे हैं (कविता)

पहले देवता फुसफुसाते थेउनके अस्पष्ट स्वर कानों में नहीं, आत्मा में गूँजते थेवहाँ से रिसकर कभी…See More
1 hour ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय,  मिथिलेश वामनकर जी एवं आदरणीय  लक्ष्मण धामी…"
2 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185

परम आत्मीय स्वजन, ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 185 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रस्तुति पर आपसे मिली शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद ..  सादर"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ कर तरक्की जो सभा में बोलता है बाँध पाँवो को वही छिप रोकता है।। * देवता जिस को…See More
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Nov 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 5
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Nov 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Nov 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service