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Deepak Sharma Kuluvi's Comments

Comment Wall (30 comments)

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At 6:19pm on September 4, 2010, asha pandey ojha said…
namste Deepak ji aapka swagat w aapka aabhar .. shubh sandhya
At 3:31pm on September 3, 2010, Julie said…


हमे अपनी दोस्ती से नवाजने का बहुत बहुत शुक्रिया 'दीपक जी'...!! -जूली :-)
At 4:13pm on August 31, 2010, Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह said…
.
दीपक जी ... !!
मेरे लिए भी यह उतनी ही खुशी की बात है ...
जोगेन्द्र ... !!
.
At 5:19pm on August 27, 2010, Rash Bihari Ravi said…
sir ji us kavita ki aapke liye hindi anubad
बाबूजी रहती ता का कहती , ( बाबूजी (पापा ) रहते तो क्या कहते )
इ सवाल हमारा मन में बार बार आवत बा , ( ये सवाल मेरे मन में बार बार आती हैं )
बात ओ बेर के हा जब हम पढ़त रहनी , ( बात उस समय की हैं जब मैं पढ़ रहा था )
स्कुल छोर के खुबे सिनेमा देखत रहनी ,( स्कुल न जाकर सिनेमा बहुत देखता था )
केहू कहलस तू केकरा से कम बार ,( कोई बोला तुम किस्से कम हो )
कोसिस करब ता एक्टर बन जइबा,( कोशिश करोगे तो एक्टर बन जाओगे )
अभी इहा केहू नइखे पूछत ,( अभी यहा कोई नहीं पूछ रहा हैं )
बाद में खूब पूछाइबा , (आगे बहुत लोग चाहेंगे )
हमहू आव देखनी न ताव,( मैं भी बिना सोचे )
बोर्ड के परीक्षा डेल्ही रहनी ,( बोर्ड के परीक्षा दिए थे )
ध लेनी मुंबई के राह, ( मुंबई चल दिए )
उहा भीर में भुला गईनी, (वह भीर में गुम हो गए)
जे गाँव में हीरो लागत रहे ,( जो गाँव का हीरो था )
खुद के एक दम बेचारा पाईनी ,( खुद को बेचारा पाया )
अब हमर हालत हो गइल रहे ,(अब मेरी हालत हो गई थी )
साप छुछुंदर वाला , (साप छुछुंदर वाला )
अब ना गाँव जा सकेनी ,( अब नहीं जा सकता था )
ना एक्टर बननी पढाई बिच में लटक गइल ,(एक्टर नहीं बन पाया पढाई बिच में रुक गई )
बाबूजी कहे लगनी हमर बेटा बिगर गइल , ( बाबु जी कहने लगे मेरा बेटा बिगर गया )
केहू उहा के सुझाव देहलस बिआह करा द , ( किसी ने उनसे कहा सदी करा दो )
और हम सांसारिक बंधन में बाधा गईनी , और मैं सांसारिक बंधन में बंध गया )
हमारा अन्दर के एक्टर कसमसाये लागल , ( मेरे अंदर का एक्टर कसमसाने लगा )
एगो डायरेक्टर हम पर नजर परल , (एक डायरेक्टर मुझे देखा )
उनकर फिलिम में एगो करेक्टर रहल ,(उनके फिल्म में एक करेक्टर था )
हम आइल रहनी हीरो या भिलेन बने ,( मैं आया था हीरो या भइलें बनने)
उ हमारा के हीरो के बाप बना देले , (ओ मुझे हीरो का बाप बना दिया )
हमारा सपना के साकार बना देले ( मेरे सपना को साकार कर दिया )
अब इहे सोचत बानी बाबु जी रहती ता का कहती ,( अब मैं यही सोचता हु बाबूजी रहते तो क्या कहते )
At 10:02am on August 27, 2010, Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह said…
.

@► दीपक जी , मित्र के रूप में आपका स्वागत है ...

.
At 1:34pm on August 18, 2010, Admin said…
At 11:39pm on August 17, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 3:24pm on August 16, 2010, Admin said…
आदरणीय दीपक शर्मा जी,
प्रणाम,
निवेदन है कि पंजाबी रचनाओं को "पंजाबी साहित्य" ग्रुप मे पोस्ट करे, सुविधा हेतु लिंक नीचे दे रहा हूँ, धन्यवाद,
http://www.openbooksonline.com/group/Punjabi_sahitya
At 4:32pm on August 13, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 4:15pm on August 13, 2010, Admin said…

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