For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“ पितृ-सत्ता से संवाद “

नारी को दुर्गा, नारी को शक्ति, नारी को जननी , कह कर बुलाते हो

और जब वो नन्ही सी बेटी बन कर आये

इस खबर से क्यों तुम डर जाते हो…

जानते हो भलीभांति , जब खोली तुमने आँखें

तो पाया माँ का प्यार ,

बहन का दुलार

आगे किसी मोड़ पर जीवन-संगिनी भी मिली

सेवा समर्पण लिए

 

प्रश्न मेरा केवल इतना है तुमसे, लेकिन

क्या सीखा है तुमने ... केवल लेना ही लेना ???

तुमको तो बनाया है, सर्वथा-शक्तिशाली

उस सर्व-शक्तिमान ने

तभी तो सत्तासीन होते ही

घोषित हुए तुम

स्वयंभू प्रतिनिधि , इस धरा पर

सर्व-शक्तिमान के,

और लगे कहलाने मजाज़ी-खुदा * तक

हुआ न संकोच ज़रा भी

परमेश्वर तक कहलाने में

लेकिन फिर क्यूँ है भीतर

ये कम्पन, ये भय , ये झिझक

थोडा सा तो बदल कर देखो

"पुरुष" को अपने भीतर के

जगाओ थोड़ी सी हिम्मत

जहां मन के किसी कोने में, घने अँधेरे के बीच

बैठा है कोई, डरा सा…  सहमा सा…

जहां झाँकने नहीं देते, तुम किसी को भी

जहां जाने नहीं देते तुम 'खुद' को भी

वहां तक पहुंचना होगा तुमको स्वयं ही

और लानी होगी ढूंढ कर, वो आवाज़

जो कह सके,

बेटी मैं हूँ ना…।

बेटी मैं हूँ ना…।

 

  • मजाज़ी खुदा = लौकिक परमेश्वर

 

© AjAy Kum@r ~

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 676

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by AjAy Kumar Bohat on November 25, 2013 at 9:59pm

Saurabh ji main Delhi mein rahta hoon...

Comment by AjAy Kumar Bohat on November 25, 2013 at 9:56pm

 हौसला अफजाही  के लिए सभी  ज्ञानी  सज्जनो का शुक्रिया


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 26, 2013 at 8:25pm

भाई, आप कहाँ रहते हैं ?

शुभेच्छाएँ.

Comment by ram shiromani pathak on August 20, 2013 at 2:03pm

आदरणीय सुन्दर प्रस्तुति //हार्दिक बधाई आपको 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 19, 2013 at 8:28pm

मातृ शक्ति की वर्तमान स्थिति और स्त्री भ्रूण हत्या दोनो को भेदती हुई मार्मिक रचना के लिये बधाई !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम..."
6 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
Oct 11

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service