For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नये साल की भोली शिशु सम ,
मधुर निराली भोर
प्यारी व चित चोर।

सुबह सवेरे पंछी जगते,
अलसाई गति से पग धरते
नापें गगन का छोर।
मधुर निराली भोर,
प्यारी व चित चोर।

अँखियाँ काजल वारी कारी
बरसावें मधु कभी दें गारी,
चमकें नई नकोर।
मधुर निराली भोर,
प्यारी व चित चोर।

मनहर दिन मदमाती रातें
मधुकर की मनमोहक बातें,
कलियाँ हुईं विभोर
मधुर निराली भोर,
प्यारी व चित चोर।

ओस लपेटे भीगी गात लिए,
सतर खड़े कुछ मुँह में बात लिए,
तरूवर लिए हिलोर।
मधुर निराली भोर,
प्यारी व चित चोर।

आज नया दिन नये वेश में,
रोटी कपड़ा मिले देश में,
मिले सभी को ठौर
प्यारी व चित चोर।
मधुर निराली भोर,
प्यारी व चित चोर।

मन्दिर,मस्जिद,गुरुद्वारे में,
हर एक गली में अंगनारे में,
खुशहाली चहुँओर ।
मधुर निराली भोर,
प्यारी व चित चोर।

नन्हे शिशु सा सूरज झाँके,
कभी चाँद की दिखतीं फाँकें
शीत का फैला जोर।
मधुर निराली भोर,
प्यारी व चित चोर।

खुष्क पड़े मौसम की रंगत
उस पर मँहगाई की संगत।
झंझा हैं झकझोर।
मधुर निराली भोर,
प्यारी व चित चोर।
मौलिक व अप्रकाशित

Views: 602

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mamta on January 2, 2016 at 4:25pm
आदरणीय समीर साहब आपकी हौसला अफजाई का शुक्रिया!
सादर ममता
Comment by Samar kabeer on January 2, 2016 at 2:52pm
मोहतरमा ममता जी आदाब,बहुत सुंदर गीत लिखा है आपने,दिल से बधाई स्वीकार करें |
Comment by Mamta on January 2, 2016 at 12:46pm
आदरणीया प्रतिभाा पांडे जी आपके स्नेह युक्त भावों के लिए धन्यवाद!
सादर ममता
Comment by Mamta on January 2, 2016 at 12:43pm
आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी साहब तहेदिल से शुक्रिया!
सादर ममता
Comment by pratibha pande on January 2, 2016 at 9:59am

 नये साल का   स्वागत  सुन्दर गीत के साथ , हार्दिक बधाई स्वीकारें आदरणीया ममता जी 

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on January 2, 2016 at 9:02am
प्यारी निराली भोर के सभी पहलुओं को बख़ूबी चित्रित करते हुए सुंदर गीत की प्रस्तुति के लिए हृदयतल से बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीया ममता शर्मा जी ।
Comment by Mamta on January 2, 2016 at 9:00am
आदरणीय दूबे जी ,आपको मेरा लिखा भाया लिखना सार्थक हुआ।
ह्रदय तल से आभार।
सादर ममता
Comment by Hari Prakash Dubey on January 1, 2016 at 7:26pm

सुन्दर  रचना आ. ममता जी , बधाई एवम् नववर्ष की शुभकामनायें !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
23 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
Saturday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
Saturday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  रीति शीत की जारी भैया, पड़ रही गज़ब ठंड । पहलवान भी मज़बूरी में, पेल …"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service