For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

घनाक्षरी (कवित्त) लिखे के प्रयास भोजपुरी में कईले बानी, रउआ लोगन से निवेदन बा कि आपन विचार से अवगत कराई सभे कि हमार प्रयास केतना सफल बा |


 

हां में हां मिलावे जेहि, बतिया बनावे जेहि,

विश्वास ओकरा पर, कबहू करिहा |

 

आपन जतावे जेहि, बहुते लगावे जेहि,

वोकरा से कुछऊ , जिन आस करिहा | 


 

मरदा से जादे जहाँ, मेहरी बोलत होखे,

वोह ठाही कबहू न, परवास करिहा |


नियालय देवालय, दूनो एक जईसन,

ठाढ़ होके उहाँ जनि, बकवास करिहा ||

 

गणेश जी "बागी"

हमार पिछुलका पोस्ट => कुहकत बाड़ी "माई भोजपुरी"

Views: 2632

Replies to This Discussion

आपन जतावे जेहि, बहुते लगावे जेहि,
वोकरा से कुछऊ क, जिन आस करिहा |

वाह ! केतना गहिर बात कहले बानी बागी जी । देखल जाए तऽ दुनिया के ईहे सचाई हऽ । बहुत बढ़िया ।

धन्यवाद नीलम दीदी |
खांटी भोजपुरिया बहुत बढ़िया लागल .


नियालय देवालय, दूनो एक जईसन,

ठाढ़ होके उहाँ जनि, बकवास करिहा ||......

धन्यवाद भाई ब्रिज भूषण जी |

To the point

 

 

उत्तम... बागी भाई लय, शब्द चमत्कार, गति, यति, बिम्ब तथा सर्वहित हर दृष्टि से यह घनाक्षरी सराहनीय है. बधाई.
आहा ! आचार्य जी एकदम साच कहत बानी, राउर अइसन सराहना पा के मन आकाशे चढ़ जाला, बहुत निक लागल राउर आशीर्वाद पा के | आभार आदरणीय |
आदरणीय गणेश जी, प्रणाम स्वीकार करी.............

हां में हां मिलावे जेहि, बतिया बनावे जेहि,

विश्वास ओकरा पर, कबहू करिहा |

 

आपन जतावे जेहि, बहुते लगावे जेहि,

वोकरा से कुछऊ , जिन आस करिहा | 


 

मरदा से जादे जहाँ, मेहरी बोलत होखे,

वोह ठाही कबहू न, परवास करिहा |


 

नियालय देवालय, दूनो एक जईसन,

ठाढ़ होके उहाँ जनि, बकवास करिहा ||

                                 .................जवन सोच के लिखला उ सच हो गईल
                                                  बोल भोजपुरी के देख उर गदगद   भईल 

प्रिय बागी जी,

आपन जतावे जेहि, बहुते लगावे जेहि,

वोकरा से कुछऊ , जिन आस करिहा | 

बहूत सुन्दर रचना ..बधाई.!!!!

 गणेश भाई
बहुत सुन्दर प्रयोग, भोजपुरी में एहिसने प्रयोग धर्मिता के जरुरत बा जवन पूरा होखत राउर ई रचना में देखत बानी.
पुन: बधाई
संतोष पटेल

मरदा से जादे जहाँ, मेहरी बोलत होखे,

वोह ठाही कबहू न, परवास करिहा |


बड़ नीमन लागता राउर घनाक्षरी. हमार बधाई स्वीकार करीं.

 

raua kaer rachana  bahutai sundar ba.

हां में हां मिलावे जेहि, बतिया बनावे जेहि,

विश्वास ओकरा पर, कबहू करिहा |

 ........................................................

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आदरणीय नीलेश नूर भाई, आपकी प्रस्तुति की रदीफ निराली है. आपने शेरों को खूब निकाला और सँभाला भी है.…"
3 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय posted a blog post

ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)

हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है पहचान छुपा के जीता है, पहचान में फिर भी आता हैदिल…See More
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है हार्दिक बधाई।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं हार्दिक बधाई।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। इस मनमोहक छन्दबद्ध उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
" दतिया - भोपाल किसी मार्ग से आएँ छह घंटे तो लगना ही है. शुभ यात्रा. सादर "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"पानी भी अब प्यास से, बन बैठा अनजान।आज गले में फंस गया, जैसे रेगिस्तान।।......वाह ! वाह ! सच है…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"सादा शीतल जल पियें, लिम्का कोला छोड़। गर्मी का कुछ है नहीं, इससे अच्छा तोड़।।......सच है शीतल जल से…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तू जो मनमौजी अगर, मैं भी मन का मोर  आ रे सूरज देख लें, किसमें कितना जोर .....वाह…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तुम हिम को करते तरल, तुम लाते बरसात तुम से हीं गति ले रहीं, मानसून की वात......सूरज की तपन…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"दोहों पर दोहे लिखे, दिया सृजन को मान। रचना की मिथिलेश जी, खूब बढ़ाई शान।। आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service