For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

R N Tiwari
Share on Facebook MySpace

R N Tiwari's Friends

  • AK Rajput
  • satya upadhyay
  • Yogyata Mishra
  • Gyanendra Nath Tripathi
  • Shyam Bihari Shyamal
  • Tapan Dubey
  • Tilak Raj Kapoor
  • Abhinav Arun
  • Deepak Sharma Kuluvi
  • Rana Pratap Singh
  • Ratnesh Raman Pathak
  • विवेक मिश्र
  • Er. Ganesh Jee "Bagi"
  • PREETAM TIWARY(PREET)
  • Admin
 

R N Tiwari's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
pune
Native Place
deoria
Profession
service
About me
Dy.Director-Administration, Indira Group of Institutes.

R N Tiwari's Photos

  • Add Photos
  • View All

R N Tiwari's Videos

  • Add Videos
  • View All

R N Tiwari's Blog

पिता जी से सुनी एक कहानी.

पिता जी से सुनी एक कहानी.

 

प्राचीन काल में एक ब्रह्मण देवता थे जो अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करते थे.एक दिन वे गंगा स्नान के लिए जा रहे थे , रास्ते में एक गिद्धिनी मिली जो गर्भिणी थी .उसने ब्राह्मण से कहा कृपया मेरा एक उपकार कर दीजिये. गंगा किनारे गिद्धराज एकांत में बैठे होंगें जो मेरे पति हैं, उनसे कह दीजियेगा की आपकी पत्नी आदमी का मांस खाना चाहती है. ब्राह्मण ने देखा गंगा किनारे बहुत सरे गिद्ध बैठे हुए हैं उसमें एक…

Continue

Posted on June 15, 2011 at 9:18am

बस कुर्सी पर केवल बेईमान चाहिए.

बस कुर्सी पर केवल बेईमान चाहिए.

 


न जीव चाहिए न जहान चाहिए ,

बस कुर्सी पर केवल बेईमान चाहिए.

हैरत हो बाढ़  से या प्लेग का जमाना,

हैजा भूकंप और गोली का निशाना.

न आंख चाहिए न कान चाहिए,

बस कुर्सी पर केवल बेईमान चाहिए.



संविधान प्रजातंत्र पार्टी  व  नेता ,

घूस लूट फूट गुट दुनियां को देता,

न मान चाहिए न सम्मान चाहिए.

बस कुर्सी पर केवल बेईमान चाहिए.



आरक्षण की बोल के बोली…

Continue

Posted on June 10, 2011 at 3:00pm

अब भगवान पैदा कर...

अब भगवान पैदा कर...

मेरा कहना अगर मानो तो,

एक इन्सान पैदा कर.

सम्हाले डोलती नैया,

बना बलवान पैदा कर.

तुम्हारे ही इशारे पर,

सभी ये दृश्य आते हैं.

हमारी प्रार्थना तुमसे…

Continue

Posted on June 9, 2011 at 8:00am — 2 Comments

जिंदगी है प्यासी सुधा के लिए..

  जिंदगी है प्यासी सुधा के…
Continue

Posted on May 28, 2011 at 8:00pm — 5 Comments

Comment Wall (6 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 1:07pm on May 16, 2011, Deepak Sharma Kuluvi said…

bahoot khoob

 

At 5:25pm on January 24, 2011, Ratnesh Raman Pathak said…
अपना मित्र बनाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद महाशय
At 12:05pm on January 23, 2011, Admin said…
आदरणीय R.N.Tiwari जी,
सादर अभिवादन,
इंग्लिश मे लिखे गये साहित्य कृपया English Literature ग्रुप मे पोस्ट कर दे, ग्रुप का लिंक नीचे दे रहा हूँ |
http://www.openbooksonline.com/group/englishliterature
धन्यवाद,
आपका
एडमिन
OBO
At 7:03pm on January 21, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 6:03pm on January 20, 2011, Admin said…
At 8:05pm on January 19, 2011, PREETAM TIWARY(PREET) said…
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
22 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , खूब सूरत मतल्ले के साथ , अच्छी ग़ज़ल कही है , हार्दिक  बधाई स्वीकार…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल  के शेर पर आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया देख मन को सुकून मिला , आपको मेरे कुछ…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service