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पिता जी से सुनी एक कहानी.
प्राचीन काल में एक ब्रह्मण देवता थे जो अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करते थे.एक दिन वे गंगा स्नान के लिए जा रहे थे , रास्ते में एक गिद्धिनी मिली जो गर्भिणी थी .उसने ब्राह्मण से कहा कृपया मेरा एक उपकार कर दीजिये. गंगा किनारे गिद्धराज एकांत में बैठे होंगें जो मेरे पति हैं, उनसे कह दीजियेगा की आपकी पत्नी आदमी का मांस खाना चाहती है. ब्राह्मण ने देखा गंगा किनारे बहुत सरे गिद्ध बैठे हुए हैं उसमें एक…
ContinuePosted on June 15, 2011 at 9:18am
बस कुर्सी पर केवल बेईमान चाहिए.
न जीव चाहिए न जहान चाहिए ,
बस कुर्सी पर केवल बेईमान चाहिए.
हैरत हो बाढ़ से या प्लेग का जमाना,
हैजा भूकंप और गोली का निशाना.
न आंख चाहिए न कान चाहिए,
बस कुर्सी पर केवल बेईमान चाहिए.
संविधान प्रजातंत्र पार्टी व नेता ,
घूस लूट फूट गुट दुनियां को देता,
न मान चाहिए न सम्मान चाहिए.
बस कुर्सी पर केवल बेईमान चाहिए.
आरक्षण की बोल के बोली…
Posted on June 10, 2011 at 3:00pm
अब भगवान पैदा कर...
मेरा कहना अगर मानो तो,
एक इन्सान पैदा कर.
सम्हाले डोलती नैया,
बना बलवान पैदा कर.
तुम्हारे ही इशारे पर,
सभी ये दृश्य आते हैं.
हमारी प्रार्थना तुमसे…
ContinuePosted on June 9, 2011 at 8:00am — 2 Comments
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Comment Wall (6 comments)
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bahoot khoob
सादर अभिवादन,
इंग्लिश मे लिखे गये साहित्य कृपया English Literature ग्रुप मे पोस्ट कर दे, ग्रुप का लिंक नीचे दे रहा हूँ |
http://www.openbooksonline.com/group/englishliterature
धन्यवाद,
आपका
एडमिन
OBO
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…