For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ" की ग्यारहवीं सालगिरह का तुहफ़ा

ग़ज़ल

22 22 22 22 22 2

जिसने देखा वो ये बोला ओबीओ

कोई नहीं है तेरे जैसा ओबीओ

जब तक ज़िंदा हूँ मैं साथ निभाऊँगा

है ये तुझ से मेरा वादा ओबीओ

'बाग़ी' जी के साथ सभी ने मिलजुल कर

नाज़ों से तुझको है पाला ओबीओ

दुनिया के कोने कोने में फैल गया

तू ने जो भी पाठ पढ़ाया ओबीओ

तेरा नाम शिखर पर दुनिया लिखती थी

मैंने कल शब ख़्वाब में देखा ओबीओ

गीत ग़ज़ल दोहे चौपाई सीख गया

तूने जिसको भी अपनाया ओबीओ

नाम नहीं मिट पाया तेरा दुनिया से

ज़ोर बहुत लोगों ने लगाया ओबीओ

तेरे आशिक़ बढ़ते जाते हैं प्यारे

ऐसे तू हर दिल पर छाया ओबीओ

यार यक़ीनन इसमें तेरा हिस्सा है

मैंने जो भी नाम कमाया ओबीओ

ज़िंदा हूँ जब तक मैं भूल न पाऊँगा

तुझसे इतना प्यार है पाया ओबीओ

चैन कहाँ पड़ता है 'समर' को तेरे बिन

दिन भर तेरा नाम वो रटता ओबीओ

'समर कबीर'

मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1128

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on July 9, 2021 at 2:43pm

जनाब शैख़ ज़ुबेर जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।

Comment by Shaikh Zubair on July 9, 2021 at 12:41am
क्या कहने है मोहतरम समर कबीर सर। ओबीओ की सालगिरह पर दिली मुबारकबाद,
खुदा आपको हमेशा सलामत रखे।
Comment by Samar kabeer on July 8, 2021 at 3:39pm

मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।

Comment by Samar kabeer on July 8, 2021 at 3:38pm

जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।

Comment by Samar kabeer on July 8, 2021 at 3:37pm

जनाब सतविन्द्र कुमार जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।

Comment by Samar kabeer on July 8, 2021 at 3:35pm

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।

Comment by Samar kabeer on July 8, 2021 at 3:34pm

जनाब आज़ी तमाम जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।

Comment by Samar kabeer on July 8, 2021 at 3:32pm

जनाब ब्रजेश कुमार 'बृज' जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।

Comment by Samar kabeer on July 8, 2021 at 3:30pm

जनाब श्याम नारायण जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।

Comment by Samar kabeer on July 8, 2021 at 3:29pm

मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी। सादर अभिवादन स्वीकार करें। ग़ज़ल तक आने व प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार"
16 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Sanjay जी, अच्छा प्रयास रहा, बधाई आपको।"
19 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Aazi ji, अच्छी ग़ज़ल रही, बधाई।  सुझाव भी ख़ूब। ग़ज़ल में निखार आएगा। "
24 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकारें बाक़ी गुणीजनों की इस्लाह से और निखर जायेगी"
37 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Mahendra Kumar ji, अच्छी ग़ज़ल रही। बधाई आपको।"
39 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Euphonic Amit जी, ख़ूब ग़ज़ल हुई, बधाई आपको।  "आप के तसव्वुर में एक बार खो जाए फिर क़लम…"
43 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ अच्छी ग़ज़ल की बधाई स्वीकार करें गुणीजनों की इस्लाह से और निखर जायेगी"
49 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ अच्छी ग़ज़ल की बधाई स्वीकार करें भाई चारा का सही वज्न 2122 या 2222 है ? "
51 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकार करें सातवाँ थोड़ा मरम्मत चाहता है"
55 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत ख़ूब। समझदार को इशारा काफ़ी। आप अच्छा लिखते हैं और जल्दी सीखते हैं। शुभकामनाएँ"
56 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी बहुत बहुत शुक्रिया आ ज़र्रा-नवाज़ी का"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी बहुत बहुत शुक्रिया आ ज़र्रा-नवाज़ी का"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service