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प्रभु नीलकंठ त्रिनेत्र धारी आपको प्रणाम हैं ,

प्रभु नीलकंठ त्रिनेत्र धारी आपको प्रणाम हैं ,

रक्षा कर संघार कर जो कर ये तेरा काम हैं , प्रभु ...

सबको अमृत देने वाले विष लेते आप ही ,
झोपडी में रहने वाले दिए कनक अटारी जाप ही , प्रभु...

प्रथम पूजा होय जिसका श्री गणेश नाम हैं ,
सबसे प्यारा सबसे पावन आप ही का लाल हैं , प्रभु ...... 

आपही के रूप मानते सब श्री हनुमान को ,
बचाते हो मुस्किल से हरदम श्री भगवान को , प्रभु ...... 

माँ काली की हो रौद्र रूप शांत करते आप ही ,
सृष्टि कर्ता आप हो बिनाश करते आप ही , प्रभु ......  

मानुष तन पाया हैं हमने भूल तो होना ही हैं ,
जो कुछ भूल हुई हो हमसे माफ़ करना हैं तुझे , प्रभु .....

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Replies to This Discussion

गुरु जी,
 भोले नाथ की सुन्दर आराधना लिखी है आपने|
नाथ की कृपा का बखान बहुत अच्छा लगता है|
भोले नाथ के साथ आपको और आप की लेखनी को नमन|

dhanyabad ashish ji

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