For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वास्तविक कवि और शायर  हम किसे कहेंगे, उन्हे जो मंचों पर बार-बार दिखाई देते हैं या उन्हें जो मंचों पर दिखने के लिए संघर्ष करते रहते हैं, या उन्हें जिन्हे मंचों पर न आने देने के लिए प्रयास करते हैं अथवा उन्हें जोअपनी कुछेक रचनाओं को बार-बार पढ़ते रहते हैं क्योंकि उनके पास उपाधियाँ हैं ?

आप मानते हैं -- "हक़ीक़त में जो शायर हैं वो मंचों पर नहीं होते ? जो आयोजन कराते हैं वोही पढ़ते-पढ़ाते हैं ?"

 

Views: 1656

Reply to This

Replies to This Discussion

पल्लव जी वाकई स्थिति चिंताजनक है ख़ास कर नए रचनाकारों के लिए | परन्तु हम सबको एक होकर अपना मंच खुद बनाना होगा | ओ बी ओ इस दिशा में बढ़िया कार्य कर रहा है | आज हम संजाल पर है कल ज़मीन पर भी इकठ्ठा होंगे और दिखा देंगे | आप हौसला रखिये !!

//कभी मौका दीजिए मंच पे आने का क्योंकि आप तो कई कवि सम्मेलनों मे संयोजक होते हैं इस पर उनकी प्रतिक्रिया रही कि बेटा मैं किसी नये व्यक्ति को मौका नही दे सकता.//

 

इस तरह की पंक्तियाँ सही कहें नव-हस्ताक्षरों की झुंझलाहट का बहुत बड़ा कारण हैं. लेकिन, पल्लवजी, अपना मानना है कि लगन, स्वाध्याय, मनन और सतत व्यक्तिगत प्रयास, यह सभी कुछ मिलकर किसी नये रचनाकार को स्थापितों के सम्मुख खड़ा कर देते हैं. तथाकथित स्थापित होने या अच्छा लिखते जाने में से यदि मुझसे पूछें तो मैं लगातार प्रयासरत हो अच्छा लिखने को अधिक तरजीह दूँगा. क्योंकि श्रोता/पाठक को समृद्ध करना किसी रचनाकार का पहला कर्तव्य और रचना की कसौटी दोनों है.  और वस्तुतः यही साहित्य-संस्कार है. 

 

मंच पर पढ़ना वैसे भी किसी रचनाकार के लिये मानक नहीं होता, होना भी नहीं चाहिये. बल्कि यह रचना-संप्रेषण का एक जरिया भर है. आपके पास ई-पत्रिका ओबीओ (ओपेनबुक्सऑनलाइन) का संबल और मंच है. एक महीने में तीन-तीन इण्टरऐक्टिव आयोजन होते हैं.  आप यहाँ रेगुलर होइये. आप देखेंगे कि इन आयोजनों में सिर्फ़ मुँहदेखी ’वाहवाहियाँ’ नहीं होतीं, बल्कि रचना का नीर-क्षीर हो जाता है. उचित सलाह से रचनाओं में सुधार भी किया जाता है. ऐसा होते मैंने आजतक किसी मंच पर नहीं देखा है. यह कमतर किन्तु बेतुके अहं पाले हुए रचनाकारों को थोड़ा नागवार तो गुजरता है, लकिन यह उन रचनाकारों को सोचना होगा कि वे कोरी वाहवाही के भूखे हैं या व्यवस्थित रचनाकर्म के माध्यम से साहित्य-साधना करना चाहते हैं. 

 

पल्लवजी, आप इस मंच पर अपनी रेगुलर उपस्थिति बनाइये.  आपकी सशक्त रचनाओं को तालियों की कमी नहीं होगी. धीरे-धीरे हम आभासी दुनिया से वास्तविक दुनिया पर भी प्रयासरत होंगे. अफ़सोसजी, बेखुदजी, अभिनवजी, शमीमजी के सानिध्य में वाराणसी में ऐसा एक प्रयास हो चुका है. अगली दफ़ा, कुछ और संयत ढंग से ऐसे प्रयास होंगे.  

 

आमीन !! आदरणीय सौरभ जी आपके शब्द ही हमारे साहस का संबल हैं !!

आदरणीय सौरभ जी
आपकी बात शत प्रतिशत सही है, मैं कुछ व्यक्तिगत एवं कुछ दूसरे कार्यों मे व्यस्त होने की वजह से पिछले कुछ समय मे ओ बी ओ पर ज़्यादा सक्रिया नही रह पाया.... मैं ओ बी ओ से बहुत दिल से जुड़ा हुआ हूँ क्योंकि मुझे पल्लव से मासूम बनाने का श्रेय श्री योगराज प्रभकर एवं श्री राणा को जाता है..... ओर मैं खुद चाहता हूँ की ओ बी ओ के सदस्यों का मेल मिलाप वढे ओर मैं सभी सदस्यों को कहना चाहूँगा की मेरी ओर से जो भी सहयता बन पड़ेगी मैं करूँगा... उम्र मे छोटा हूँ पर हा इतना ज़रूर कहना चाहूँगा की
ये शब्द खरीदने की ताक़त ज़माने की नही यारों....... दुनिया की हर चीज़ बिकौ नही होती

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और सुख़न नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सम्माननीय ऋचा जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल तकआने व हौसला बढ़ाने हेतु शुक्रियः।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"//मशाल शब्द के प्रयोग को लेकर आश्वस्त नहीं हूँ। इसे आपने 121 के वज्न में बांधा है। जहाँ तक मैं…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है हर शेर क़ाबिले तारीफ़ है गिरह ख़ूब हुई सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. भाई महेन्द्र जी, अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। हार्दिक बधाई। गुणीजनो की सलाह से यह और…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, बेह्तरीन ग़ज़ल से आग़ाज़ किया है, सादर बधाई आपको आखिरी शे'र में…"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी बहुत धन्यवाद"
7 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी, आपकी बहुमूल्य राय का स्वागत है। 5 में प्रकाश की नहीं बल्कि उष्मा की बात है। दोनों…"
7 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी। आप की मूल्यवान राय का स्वागत है।  2 मय और निश्तर पीड़ित हृदय के पुराने उपचार…"
7 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय महेंद्र कुमार जी नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
8 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service