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हड़ताल एक यज्ञ है

मित्रों ......
हड़ताल एक यज्ञ है
कर्मचारियों द्वारा लगाया गया नारा
घी और हुमाद
हडताली नेताओं के भाषण
वेदों के मंत्रोच्चार
उठने वाला धुयाँ
वार्ता के लिए बुलाया जाना
और मांगों को मनवा लेना
अभिस्ट की प्राप्ति ॥

चिल्ला रहा था
कर्मचारियों का नेता
इसलिए दोस्तों
जोर-जोर से नारे लगाओ ॥

जब लाल कोठी के निक्क्मो का वेतन
तिगुना हो सकता है ....
हमलोगों का क्यों नहीं ॥

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मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 29, 2010 at 10:20am
हड़ताल से कभी भी देश का भला नहीं हुआ है, इसलिये सरकार को हर संभव प्रयत्न करनी चाहिये की हड़ताल की नौबत ही ना आवे, पर अब तो सरकारें कर्मचारियों की मांगो पर तब तक नहीं गौर करती जब तक वो हड़ताल पर चले न जाये,
अच्छी रचना है बबन भैया

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on August 28, 2010 at 10:47pm
हड़ताल से कभी देश का भला नहीं हुआ है | यह तो पहले से ही गरीबी की मार झेल रहे देश में कोढ़ में खाज के समान है|

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