आदरणीय साहित्य प्रेमियों
सादर वन्दे,
"ओबीओ लाईव महा उत्सव" के १७ वे अंक के आयोजन का समय भी आ पहुंचा. पिछले १६ कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने १६ विभिन्न विषयों पर बड़े जोशो खरोश के साथ और बढ़ चढ़ कर कलम आजमाई की. जैसा कि आप सब को ज्ञात ही है कि दरअसल यह आयोजन रचनाकारों के लिए अपनी कलम की धार को और भी तेज़ करने का अवसर प्रदान करता है, इस आयोजन पर एक कोई विषय या शब्द देकर रचनाकारों को उस पर अपनी रचनायें प्रस्तुत करने के लिए कहा जाता है.
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लेकिन इस की बात कुछ अलग ही है, क्योंकि मौका है होली का और होली का नाम सुनते ही एक अजीब सी ख़ुशी की लहर तन-ओ-मन पर तारी होने लगती है. बदलती रुत, रंगों की बौछार, उड़ता हुआ अबीर-गुलाल, भांग-ठंडाई, गोपियों को रंगती मस्तों की टोलियाँ, बरसाने की लाठियां, वृन्दावन की गलियां, माँ के हाथ की गुझिया - क्या नहीं है इस त्यौहार में. एक ऐसा अवसर जहाँ छोटे-बड़े का फर्क बेमायनी हो जाता है, जहाँ बूढा ससुर भी देवर बन जाता है. तभी तो शायद अल्लामा इकबाल ने भी कहा है :
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अच्छा है दिल के पास रहे पासवान-ए-अक्ल
लेकिन कभी कभी इसे तनहा भी छोड़ दे
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तो फिर आओं साथियों, रखें पासवान-ए-अक्ल को थोडा दूर, उठाएँ अपनी अपनी पिचकारी ना..ना..ना..ना...ना... अपनी कलम और रच डालें कोई ऐसी रंग-बिरंगी हुडदंगी रचना कि होली का मज़ा दोबाला हो जाए. तो पेश है साहिबान :.
"OBO लाइव महा उत्सव" अंक १७
विषय - "होली का हुडदंग - ओबीओ के संग"
आयोजन की अवधि ५ मार्च २०१२ सोमवार से ७ मार्च २०१२ बुधवार तक
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महा उत्सव के लिए दिए विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित रचना साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते है साथ ही अन्य साथियों की रचनाओं पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते है |
उदाहरण स्वरुप साहित्य की कुछ विधाओं का नाम निम्न है: -
अति आवश्यक सूचना :- "OBO लाइव महा उत्सव" अंक- १५ में सदस्यगण आयोजन अवधि में अधिकतम तीन स्तरीय प्रविष्टियाँ ही प्रस्तुत कर सकेंगे | नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा गैर स्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटा दिया जाएगा, यह अधिकार प्रबंधन सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी |
(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो सोमवार मार्च ५ लगते ही खोल दिया जायेगा )
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"महा उत्सव" के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
मंच संचालक
धर्मेन्द्र शर्मा (धरम)
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भकुआये ना दऽ.. .. ई खुमारी है खुमारी .. !!
Wah kya roop dhara hai.......bahut mamohak ......
रूप धरा कुछ सोंचकर , करके आँखें बंद.
होली में सधुवा गए, आया परमानंद..
जितनी मेहनत इस तस्वीर को बनाने में गयी है, उससे ज्यादा मुहब्बत और ख़ुलूस भी गया है...मैं स्वयं अपनी तस्वीर देख कर अभिभूत हो गया हूँ और अपने आपको प्रणाम कर रहा हूँ....आदरणीय प्रभाकर जी आपकी तारीफ जितनी भी की जाए कम है, अपने बच्चों से बढ़कर प्यार दिया है आपने...चरण स्पर्श और होली की राम राम
गिरिधारी गोज़ इमोशनल... .
च्च् च्च् च्च् च्च् च्च् ........ होता है होता है भिड़ू .. . असाइच होता है.. .. .
am sure you can very well understand the way Prabhakar ji treats all his well wishers and friends....
सत्य वचन मित्र ! मैं भी अपनी तस्वीर को देख कर कुछ-कुछ ऐसा ही सोंच रह हूँ ! :-)))))
हा हा हा हा ...................................
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धरम जी, वाकई में योग राज जी की कलाकारी की दाद देनी होगी....कि आप अपनी ही तसवीर पर मोहित हो गये....
ही ही हीईई ईई
Dharam Bhai, main aap ke andar uth rahi bhavnaon ko samajh raha hun, aap mera bhi hastakshar ley leyn, Gurudev ka jabaab nahi.
छवि बड़ी मनमोहक है
जय गिरिधारी जी.....ab ye bol aapke mukh se achchhe lagte hai Dharmender ji
एक बार प्रेम से बोलिए टिकधारी बाबा की ........अरे चुप बुडबक इहाँ सत्यनारायण भागवान का काथा नहीं ओ बी ओ का उत्सव है |
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