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"OBO लाइव महा उत्सव" अंक २० ( Now closed with 1007 Replies )

आदरणीय साहित्य प्रेमियों

सादर वन्दे,

"ओबीओ लाईव महा उत्सव" के २० वे अंक में आपका हार्दिक स्वागत है. पिछले १९ कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने १९   विभिन्न विषयों पर बड़े जोशो खरोश के साथ और बढ़ चढ़ कर कलम आजमाई की. जैसा कि आप सब को ज्ञात ही है कि दरअसल यह आयोजन रचनाकारों के लिए अपनी कलम की धार को और भी तेज़ करने का अवसर प्रदान करता है, इस आयोजन पर एक कोई विषय या शब्द देकर रचनाकारों को उस पर अपनी रचनायें प्रस्तुत करने के लिए कहा जाता है. इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है:-

"OBO लाइव महा उत्सव" अंक २०      

.
विषय - "जल "

आयोजन की अवधि- ८ जून २०१२ शुक्रवार से १० जून २०१२ रविवार तक  

तो आइए मित्रो, उठायें अपनी कलम और दे डालें अपनी कल्पना को हकीकत का रूप, बात बेशक छोटी हो लेकिन घाव गंभीर करने वाली हो तो बात का लुत्फ़ दोबाला हो जाए. महा उत्सव के लिए दिए विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित रचना साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते है साथ ही अन्य साथियों की रचनाओं पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते है |


उदाहरण स्वरुप साहित्य की कुछ विधाओं का नाम निम्न है: -

  1. तुकांत कविता
  2. अतुकांत आधुनिक कविता
  3. हास्य कविता
  4. गीत-नवगीत
  5. ग़ज़ल
  6. हाइकु
  7. व्यंग्य काव्य
  8. मुक्तक
  9. छंद  (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका इत्यादि) 

 

अति आवश्यक सूचना :- "OBO लाइव महा उत्सव" अंक- २० में सदस्यगण  आयोजन अवधि में अधिकतम तीन स्तरीय प्रविष्टियाँ  ही प्रस्तुत कर सकेंगे | नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा गैर स्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटा दिया जाएगा, यह अधिकार प्रबंधन सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी |

 

(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो शुक्रवार ८ जून लगते ही खोल दिया जायेगा ) 

 

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"महा उत्सव"  के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...

"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

मंच संचालक

धर्मेन्द्र शर्मा (धरम)

(सदस्य कार्यकारिणी)

ओपन बुक्स ऑनलाइन  

 

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Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

प्राची जी सादर नमस्कार ! जल पुरुष पर ये कविता बहुत अच्छी लगी। ये पंक्तियाँ तो साहित्यिक होने के साथ साथ ऐतिहासिक भी हैं:वर्षा   जल संचयन, संभरण,और बना जोहड़ और बाँध, भू-जल पुनर्भरण करके, मिला रुपारेल को जीवन दान. आपको बहुत बहुत बधाई !!

हार्दिक आभार आदरणीय डॉ. सूर्या बाली जी 

very nice creation Prachi ji .I am commenting this from srinagar in my tight scheduled.enjoy dear.

हार्दिक आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी 

'राजेंद्र सिंह' की कठिन तपस्या
नें पाया रमन मेगसेसे सम्मान,
और देश के सूखाग्रस्त इलाकों में
छेड़ा जल-स्त्रोत पुनर्जीवन अभियान...

आपके ख़्याल और पेशकश को सलाम .... डॉ . प्राची जी, आपकी इस रचना में जल का महत्व स्वत: स्थापित हो जाता है ...... राजेन्द्र जी के ज़ज्बे को नाचीज का नमन ..... खुबसूरत रचना के बधाई

हार्दिक आभार आदरणीय सतीश मापतपुरी जी 

जानकारी के साथ साथ एक आह्वाहन भी हैं आपकी रचना में, विषय से न्याय करती इस रचना पर बधाई स्वीकार करें डॉ साहिबा |

hardik abhaar adarniy Ganesh Bagi JI

आदरणीया प्राची जी ..  राजेन्द्र जी के द्वारा अनुकरणीय भागीरथ  प्रयास को आपने अपने काव्य का भाव भूमि  बनाया .. बहुत खूब इस उत्कृष्ट रचना के लिए बधाई आपको

Hardik abhaar Mahima ji

बहुत भावपूर्ण रचना कही आपने आदरणीया डा. प्राची जी...हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिये

करते रहे हम नादानी जो नादानों के भेष में,
देखो पानी बिकने लगा है गंगा यमुना के देश में,
बिलकुल सही कहा है आपने।
रचना पर बधाई स्वीकारें।

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