For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुक्त छंद कितने समसामयिक है.

मुक्त छंद कितने समसामयिक है. यह आज के काव्य जगत मे प्रमुख विषय है .. क्या मुक्त छंद कालजयी है.

Views: 1313

Reply to This

Replies to This Discussion

मेरा मानना है श्रीवास्तव  जी 

मुक्त छंद हो या छंद बदध कविता के भाव ही उसे ऊंचाई तक ले जाते हैं 
भाव के साथ कविता के कंटेंट्स व उस का सम्यक मूल्य कविता की परिपक्व्यता और सौन्दर्य बोध उस के श्रृंगार हैं 
Dr. Swaran J Omcawr

//मुक्त छंद कितने समसामयिक है.//

आज के तथाकथित ’कवियों’ और साग्रही कवियों द्वारा रचनाकर्म का बहुत बड़ा प्रतिशत मुक्तछंद में ही होता है. यह् असमसामयिक होने का बहुत बड़ा प्रमाण है.

//क्या मुक्त छंद कालजयी है.//

निराला की वह तोड़ती पत्थर.. या अज्ञेय की दुख मांजता है..  तमाम कालजयी रचनाओं में से ही हैं. यह सूची बहुत-बहुत लम्बी है.

लेकिन तथ्यपरक बात यह है कि रचनाओं का कथ्य प्रमुख है. लेकिन काव्य की अन्यान्य सक्षम विधाओं को प्रखर व सामयिक रखना कवियों का ही सबसे दायित्व है, सबसे बड़ा दायित्व.  शास्त्रीय विधाएँ संप्रेषण का सार्थक साधन हैं.

मुक्त छंद के नाम पर केवल शब्द-जाल की कोई सामयिकता नहीं है।यदि उनमें कथ्य एवं भाव सम्प्रेषणियता हो तो वे कालजयी हो सकती हैं। निराला, अज्ञेय, मुक्तिबोध इसके ज्वंलत उदाहरण हैं। लेकिन हम यह नहीं कह सकते की सनातनी छंद आज के परिवेश में आप्रासंगिक हो गये हैं या वे वर्तमान समाज का यथानुरूप चित्रण करने में समर्थ नहीं हैं।बल्कि यदि साहित्य कर्म साधना है, तो छंदोबद्ध रचना करना कठोर तपस्या है और सम्भवत: कठिन तप ही किसी सिद्धि का प्रमुख मानदण्ड है।
संक्षेप में स्तरीय मुक्त छंद के साथ छंदोबद्ध रचनाओं का होना हिन्दी साहित्य के विस्तृत आकाश का द्योतक होगा, जो हमारे लिये गर्व का विषय है।

भाई विंध्येश्वरी ’विनय’, मुक्तिबोध का सही नाम लिया है आपने. यों, यह फ़ेहरिश्त बहुत लम्बी है जहाँ रचनाकारों ने मुक्तछंद कविताओं में गहन वैचारिकता में पगे ऐसे-ऐसे सान्द्र तथ्य प्रस्तुत किये हैं कि मात्र उनकी नहीं आने वाली पीढ़ियाँ लाभान्वित होती रहेंगीं.

//लेकिन हम यह नहीं कह सकते की सनातनी छंद आज के परिवेश में आप्रासंगिक हो गये हैं या वे वर्तमान समाज का यथानुरूप चित्रण करने में समर्थ हैं।//

इस पंक्ति की आवश्यकता ही नहीं थी.  झट विषयांतर हो जायेगा.  चर्चाओं में बातें विन्दुवत रखना आवश्यक है. है न ?

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।सुंदर और समसामयिक लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। प्रदत्त विषय को एक दिलचस्प आयाम देते हुए इस उम्दा कथानक और रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया…"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदरणीय शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। शीर्षक लिखना भूल गया जिसके लिए…"
4 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"समय _____ "बिना हाथ पाँव धोये अन्दर मत आना। पानी साबुन सब रखा है बाहर और फिर नहा…"
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक स्वागत मुहतरम जनाब दयाराम मेठानी साहिब। विषयांतर्गत बढ़िया उम्दा और भावपूर्ण प्रेरक रचना।…"
10 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
" जय/पराजय कालेज के वार्षिकोत्सव के अवसर पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं साहित्यिक…"
10 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हाइमन कमीशन (लघुकथा) : रात का समय था। हर रोज़ की तरह प्रतिज्ञा अपने कमरे की एक दीवार के…"
11 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आदरणीय विभारानी श्रीवास्तव जी। विषयांतर्गत बढ़िया समसामयिक रचना।"
11 hours ago
vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123विषय : जय/पराजय आषाढ़ का एक दिन “बुधौल लाने के…"
17 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आपकी रचना का। प्रदत्त विषयांतर्गत बेहद भावपूर्ण और विचारोत्तेजक कथानक व कथ्य…"
19 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सादर प्रणाम, आदरणीय ।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service