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चारपाई पर लेटे लेटे ,
ख्याली पुलाव पका रहा था !
सुन्दर अभिनेत्री के साथ ,
झील में नहा रहा था !!

इशारा किया पास आओ ,
इतने में शर्मा गयी!
उसकी यह चंचल अदा
मुझे और भी भा गयी !!

चारपाई पर लेटने वाला ,
पहुच चुका था महल में !
बच्चे की तरह दुलार रही ,
छिपाकर अपने आंचल में !!

मुझे क्या पता था ,
स्वप्न देख रहा हूँ !
साबुन के गुब्बारे को ,
हाथ से लपेट रहा हूँ !!

भव्य था वह कमरा,
कोमल बिस्तर चादरें मखमल !
नींद मेरी तब टूटी ,
जब काटा मुझे खटमल !!


राम शिरोमणि पाठक "दीपक"
मौलिक /अप्रकाशित

Views: 783

Comment

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Comment by Akhand Gahmari on December 2, 2013 at 6:02pm

भगवान आप की मंशा जल्‍दी पूर्ण करे

Comment by ram shiromani pathak on April 2, 2013 at 12:16pm

आदरणीय अजय जी हार्दिक आभार ...........सादर  

Comment by ram shiromani pathak on April 2, 2013 at 12:15pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी आपको हँसाने में सफल हुआ तो लिखना सफल हुआ ,रही बात इस रचना की जब मैंने इसे लिखा था उन दिनों मेरी उम्र कुछ १८ १९ साल रही होगी !!!हार्दिक आभार ...........सादर  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 2, 2013 at 11:58am
हाहाहा कविता ने अंत में चौंका दिया हँसी का फव्वारा छूट पड़ा बहुत- बहुत बधाई बड़े रंगीन सपने देखते हो ,कोई बात नहीं     देखो देखो 
Comment by Dr.Ajay Khare on April 2, 2013 at 11:42am

Pathak ji hasya ka bhav umda tha badhai

Comment by बृजेश नीरज on April 1, 2013 at 5:39pm

शायद खटमल को यह पता नहीं रहा होगा कि आप इस समय स्वप्न में खोए हैं। खटमल सपने देखता नहीं इसलिए सपने का मोल क्या जाने। ईश्वन करे आपका सपना एक दिन सच हो जाए और वहां खटमल न आए।

Comment by ram shiromani pathak on April 1, 2013 at 4:23pm

coontee mukerji ji hardik aabhar.......

Comment by ram shiromani pathak on April 1, 2013 at 4:22pm

भाई आशीष जी  हार्दिक आभार ...........सादर  

Comment by ram shiromani pathak on April 1, 2013 at 4:21pm

आदरणीय लक्ष्मण  सर आदरणीय विजय सर हार्दिक आभार ...........सादर  

Comment by ram shiromani pathak on April 1, 2013 at 4:20pm

आदरणीय सौरभ सर आदरणीया प्राची मैम यह रचना मैंने तीन साल पहले लिखी थी ...उस समय इतना ज्ञान नहीं  था क्या लिख रहा हूँ  और क्यों सायद प्रारम्भ से कुछ दूसरी या तीसरी कविता ....आप सब को अच्छी लगी तो लिखना सफल हुआ ..प्रणाम सहित हार्दिक आभार 

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